आरामतलबी ने बढ़ा दिया है शुगर का खतरा
विश्व में 300 से ज्यादा मधुमेह के रोगी हैं। पिछले दो दशकों में मधुमेह के रोगियों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। अकेले भारत में सात करोड़ लोग मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह जीवन शैली में आया बदलाव और आरामतलबी है। जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव और यो
जागरण संवाददाता, मऊ : विश्व में 300 से ज्यादा मधुमेह के रोगी हैं। पिछले दो दशकों में मधुमेह के रोगियों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। अकेले भारत में सात करोड़ लोग मधुमेह की बीमारी से ग्रस्त हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह जीवन शैली में आया बदलाव और आरामतलबी है। जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव और योग-प्राणायाम को शामिल कर शुगर के खतरे से बचा जा सकता है। इस बात का संदेश दिया इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को। विश्व मधुमेह दिवस पर प्रभात फेरी का आयोजन कर अधिकारियों एवं चिकित्सकों ने लोगों को खतरे से चेताया।
जागरूकता रैली को मिर्जाहादीपुरा से हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने संतुलित और पोषणयुक्त भोजन के साथ ही नियमित व्यायाम व योगासनों पर ध्यान देने का आह्वान करते हुए व्यसनों से बचने का आग्रह किया। रैली में आइएमए के पदाधिकारियों समेत अनेक चिकित्सक, उपजिलाधिकारी सदर अतुल वत्स आदि भी साथ-साथ चल रहे थे।
उधर गाजीपुर तिराहा पर मधुमेह कारण एवं निवारण विषय पर आयोजित गोष्ठी एवं स्वास्थ्य शिविर में जिला अस्पातल में होमियोपैथिक चिकित्साधिकारी डा. नम्रता श्रीवास्तव ने कहा कि पांच से 10 वर्षों तक एक प्री डायबिटिक पीरियड होता है। इसमें मोटापा बढ़ना, बाल झड़ना, रक्त चाप अनियंत्रित होना, चमड़ी पर दाग धब्बे होना आदि लक्षण सामने आते हैं। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा.अरविद श्रीवास्तव ने कहा कि अधिक भूख लगना, बार-बार पेशाब लगना, आंखों की रोशनी तेजी से घटना, वजन घटना, थकान लगना आदि मधुमेह के लक्षण हो सकते हैं। कम वसा व ज्यादा फाइवरयुक्त भोज्य पदार्थ खान-पान में शामिल कर मधुमेह के खतरे को कम किया जा सकता है। स्वास्थ्य शिविर में 35 मरीजों की जांच कर शुगर की दवा दी गई। इस अवसर पर डा.बीपी सिंह, संजय श्रीवास्तव, हरिनारायण पांडेय, शुभम पाल, पूजा पाल आदि उपस्थित थे। इसके अलावा ताजोपुर स्थित सैनिक स्कूल आफ नर्सिग की ओर से जागरूकता रैली निकाली गई।