पशु आश्रय स्थल ने महिला को दिया आजीविका का साधन
घोसी (मऊ) गोवंश आश्रय स्थल बेसहारा पशुओं का आश्रय या किसानों की फसल चट करने वाले जानवरों को कैद करने का स्थान ही नहीं है बल्कि यह गरीब के जीने का सहारा भी बन रहा है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : गोवंश आश्रय स्थल बेसहारा पशुओं का आश्रय या किसानों की फसल चट करने वाले जानवरों को कैद करने का स्थान ही नहीं है बल्कि यह गरीब के जीने का सहारा भी बन रहा है। तहसील अंतर्गत बोझी क्षेत्र के चंद्रापार में संचालित गोवंश आश्रय स्थल ने इसे प्रमाणित कर दिखाया है। यहां से टेघना निवासिनी सुमित्रा देवी को एक बछिया दी गई है। दरअसल टेघना गांव के पूर्व प्रधान संतोष सिंह ने किसी तरह जीवन यापन कर रही महिला सुमित्रा देवी की सहायता करने की ठानी। उन्होंने खंड विकास अधिकारी सुवेदिता सिंह एवं पशु चिकित्सालय बड़रांव के प्रभारी डा. सुनील कुमार राय के समक्ष महिला की समस्या उठाया। इच्छुक व्यक्ति को पशु आश्रय केंद्र से पशु दिए जाने के प्रावधान के अनुसार अधिकारियों ने सुमित्रा को पशु आश्रय स्थल चंद्रपार से उन्नत नस्ल की बेसहारा बछिया देने का निर्णय लिया। महिला के सहमति जताते ही उसे बछिया दी गई। इस दौरान पूर्व प्रधान श्री सिंह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ती आशा सिंह एवं चंद्रापार के प्रधान शंकर चौहान की उपस्थिति में गोवंश आश्रय स्थल से बछिया दी गई।