Move to Jagran APP

आंबेडकर विद्यालयों की फिर होगी जांच

जनपद में समाज कल्याण विभाग के अनुदानित आंबेडकर विद्यालयों की विधिवत जांच होगी। अब समाज विभाग सभी विवादित विद्यालयों की जांच कराएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 05:23 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 05:23 PM (IST)
आंबेडकर विद्यालयों की फिर होगी जांच
आंबेडकर विद्यालयों की फिर होगी जांच

जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद में समाज कल्याण विभाग के अनुदानित आंबेडकर विद्यालयों की विधिवत जांच होगी। अब विभाग सभी विवादित विद्यालयों की जांच कराएगा। इसके साथ ही संयुक्त निदेशक ने बिना अनुमोदन नियुक्ति के आरोपी अध्यापकों के शैक्षिक अभिलेखों, छात्रों की संख्या, विद्यालय की भूमि के प्रमाण पत्र सहित सभी अभिलेखों की जांच का फैसला लिया है। इसके लिए बोर्ड व विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा गया है। यह फैसला पिछले दिनों संयुक्त निदेशक सुनील कुमार ¨सह बिसेन की अध्यक्षता में हुई जांच के बाद लिया गया है। हालांकि इस जांच में 16 सहायक अध्यापकों के टीईटी सर्टीफिकेट फर्जी पाए गए थे।

loksabha election banner

समाज कल्याण विभाग के अनुदानित आंबेडकर विद्यालयों में बड़े पैमाने पर अनियमित शिक्षकों की नियुक्ति की शिकायत पर जिलाधिकारी प्रकाश ¨बदु द्वारा 24 फरवरी को बीएसए कार्यालय पर छापेमारी की गई थी। इसमें बिना अनुमोदन के अध्यापकों की नियुक्ति संबंधी अनियमितता भी उजागर हुई थी। इस पर जिलाधिकारी ने फर्जी अध्यापकों सहित संबंधित विद्यालयों के प्रबंधकों पर एफआइआर तक दर्ज करवाई थी। पूरे मामले की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई थी। इसमें कमेटी के सदस्य जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपने कार्यालय की त्रि-स्तरीय कमेटी गठित कर समाज कल्याण के नियुक्त अध्यापकों के अभिलेख आदि खंगाले। इसमें पाया गया कि 72 अध्यापकों की नियुक्ति में बेसिक शिक्षा कार्यालय से कोई अनुमोदन नहीं लिया गया था। पूरे अभिलेखों के मिलान में जब नियुक्ति कहीं से भी सही नहीं पाई गई तो बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अध्यापकों की नियुक्ति को फर्जी मानते हुए रिपोर्ट प्रशासन की गठित कमेटी को सौंपी थी। हालांकि प्रशासन की रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इधर समाज कल्याण के उप निदेशक ने इस बड़े घोटाले का संज्ञान लिया। उप निदेशक ने संज्ञान लेते हुए अपनी अध्यक्षता में समाज कल्याण अधिकारी चंदौली आरके ¨सह व समाज कल्याण अधिकारी मऊ मुक्तेश्वर चौबे की त्रि-स्तरीय कमेटी गठित की। कमेटी ने अध्यापकों के अभिलेख आदि की जांच किया। इसके बाद समाज कल्याण अधिकारी ने सुपरवाइजर व एडीओ की विवादित 28 विद्यालयों के लिए ब्लाकवार कमेटी गठित की है। उधर संयुक्त निदेशक वाराणसी ने भी सभी विवादित विद्यालयों के अध्यापकों के शैक्षिक अभिलेखों की सत्यता की जांच के लिए संबंधित बोर्ड व विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। वेतन में बांट दिए करोड़ों रुपये

डेढ़ दशक पूर्व 2001 से 2016-17 के मध्य आंबेडकर विद्यालयों में प्रतिवर्ष दो-चार की संख्या में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति होती रही। इन नियुक्तियों पर आरोप भी लगे कि सभी नियुक्तियां बिना शासन व बेसिक शिक्षा विभाग के अनुमोदन के ही की गई है। ऐसे में विभाग द्वारा डेढ़ दशक पूर्व से नियुक्ति शिक्षकों को वेतन आदि में करोड़ों रुपये का भुगतान किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.