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धान खरीद की राह के रोड़े हटाने में लगा है प्रशासन

कहने को धान की खरीद भले ही एक नवंबर से प्रारंभ है पर इस बार शासन ने इसे इतना जटिल कर दिया है कि खाद्य एवं विपणन विभाग ही नहीं वरन समूचा जिला प्रशासन औपचारिकताएं पूरी करने में जुटा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 05:05 PM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 05:05 PM (IST)
धान खरीद की राह के रोड़े हटाने में लगा है प्रशासन
धान खरीद की राह के रोड़े हटाने में लगा है प्रशासन

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : कहने को धान की खरीद भले ही एक नवंबर से प्रारंभ है पर इस बार शासन ने इसे इतना जटिल कर दिया है कि खाद्य एवं विपणन विभाग ही नहीं वरन समूचा जिला प्रशासन औपचारिकताएं पूरी करने में जुटा है। इस बार किसानों के खाते में सीधे इलेक्ट्रानिक फंड भुगतान सिस्टम (ईएफएमएस) के चलते एसडीएम अब किसान का नाम एवं रकबा सत्यापित करेंगे। सत्यापन नहीं तो भुगतान नहीं होगा।

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इस बार शासन ने किसानों के पंजीकरण से लेकर क्रय केंद्रों से मिल तक धान के परिवहन की व्यवस्था बदल दिया है। भुगतान की व्यवस्था भी बदल गई है। धान बेचने वाले किसान का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण व्यवस्था में परिवर्तन यह कि अब कंप्यूटर एक खतौनी और एक गांटा संख्या के किसी एक खातेदार का ही पंजीकरण स्वीकार करता है। अलग-अलग रह रहे ऐसे किसानों जिनकी खतौनी संयुक्त है, के समक्ष दिक्कत आएगी। भुगतान अब ईएफएमएस विधि से होने के चलते खतौनी, आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक में किसानों के अंकित नाम का में अंतर होने पर भुगतान बाधित होगा। इस नियम की जद में सारे काश्तकार होंगे। कारण यह कि खतौनी में काश्तकार की टाइटल नहीं अंकित होती है जबकि बैंक खाता एवं आधार कार्ड में नाम के साथ टाइटल भी होती है। इस समस्या से निदान हेतु शासन ने अब प्रत्येक पंजीकृत किसान के तीनों स्थानों पर अंकित नाम का संबंधित उपजिलाधिकारी द्वारा सत्यापन कराए जाने का निर्देश दिया है। सदा, मधुबन एवं मोहम्मदाबाद में सत्यान कार्य हाल मकें पूण्र हुआ है। घोसी में पूर्ण होने की कगार पर है। मिलों के अनुबंध का हाल यह कि विपणन विभाग, यूपी एग्रो एवं एफॅसीआई ने यह कार्य पूर्ण कर लिया है पर सहकारिता विभाग अभी चार मिलों से आगे न बढ़ सका है जबकि इस विभाग के सभी 28 क्रय केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। क्रय केंद्र से राइस मिल तक धान लाने का दायित्व इस बार मिलर स्वयं नहीं करेंगे वरन शासन ने अलग से परिवहन हेतु टेंडर किए जाने का निर्देश दिया है। अभ्री दो दिन पूर्व ही समूचे मंडल का आजमगढ़ में टेंडर हुआ है। ऐसे में वास्तविक परिवहन में अभी औपचारिकताओं का अड़ंगा है।

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धान क्रय करने का दायित्व निर्वहन करने वाली समस्त क्रय एजेंसियों को सभी औपचारिकताएं पूर्ण किए जाने हेतु कई माह पूर्व ही सूचित किया जा चुका है। जिलाधिकारी ने भी इस बाबत पत्र लिखा है। हर समस्या का निदान कर किसानों का धान क्रय करने हेतु प्रशासन संकल्पित है।

-वीके सिन्हा जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी


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