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दशकों पूर्व हुआ अधिग्रहण, अभी अभिलेख में शो कर रहा नाम

राजस्व विभाग के अपने अलग-अलग कारनामें हैं। किन्हीं न किन्हीं वजहों से सुर्खियां बटोरने वाला विभाग एक बार फिर नई कारस्तानी से सुर्खियों में है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 06:28 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 06:28 PM (IST)
दशकों पूर्व हुआ अधिग्रहण, अभी अभिलेख में शो कर रहा नाम
दशकों पूर्व हुआ अधिग्रहण, अभी अभिलेख में शो कर रहा नाम

जासं, मऊ : राजस्व विभाग के अपने अलग-अलग कारनामे हैं। किन्हीं न किन्हीं वजहों से सुर्खियां बटोरने वाला विभाग एक बार फिर नई कारस्तानी से सुर्खियों में है। वाराणसी -गोरखपुर राजमार्ग पर एक दशक पूर्व रेलवे ओवरब्रिज के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी। दर्जनों काश्तकारों के कुछ न कुछ जमीन इसमें गईं। फिर भी आज तक राजस्व विभाग के अभिलेख में अधिग्रहित जमीन उनके नाम से दर्ज ही दिखाया जा रहा है। सोमवार को श्री गंगा-तमसा सेवा समिति के महामंत्री व पूर्व सभासद छोटेलाल गांधी ने जिलाधिकारी को संबोधित पत्रक मुख्य राजस्व अधिकारी को सौंपा। पूर्व सभासद ने कहा है कि कई गाटा संख्या से ख्वाजाजहांपुर में रेलवे ओवरब्रिज के लिए अधिग्रहण की गई भूमि से काश्तकारों का नाम हटाया नहीं गया है। अभी भी काश्तकारों के नाम पूरी तरह खतौनी में दर्ज हैं। इसके चलते भू-माफिया व काश्तकारों की मिलीभगत से अनुचित लाभ लेकर अधिग्रहित भूमि को बेचा जा रहा है।

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