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पीड़ित को यथाशीघ्र गुणवत्तापूर्ण न्याय दिलाने की नवीन पहल 'दर्पण'

जागरण संवाददाता मऊ जनसुनवाई प्रणाली में पारदर्शिता व शुचिता लाने की दिशा में पुलिस अधीक्षक

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 07:58 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 06:12 AM (IST)
पीड़ित को यथाशीघ्र गुणवत्तापूर्ण न्याय दिलाने की नवीन पहल 'दर्पण'
पीड़ित को यथाशीघ्र गुणवत्तापूर्ण न्याय दिलाने की नवीन पहल 'दर्पण'

जागरण संवाददाता, मऊ : जनसुनवाई प्रणाली में पारदर्शिता व शुचिता लाने की दिशा में पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य द्वारा गुरुवार को पुलिस लाइन सभागर में दर्पण सत्यमेव जयते परियोजना का शुभारंभ किया गया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक द्वारा फरियादियों द्वारा विगत दिनों में प्रस्तुत की गई समस्याओं को बारी-बारी से सुना गया। इसके संबंध में जांचकर्ता/विवेचक से भी तथ्यों को सुना गया एवं फरियादियों की समस्याओं का गुणवत्तापूर्ण, पारदर्शितापूर्ण एवं नियमानुसार कार्रवाई हेतु क्षेत्राधिकारी/जांचकर्ता व विवेचकों को निर्देशित किया गया। इसमें कुल 20 प्रार्थना पत्रों में 12 आवेदक-आवेदिका संतुष्ट पाए गए तथा 08 अन्य में पुन: मामले की जांच हेतु संबंधित को निर्देशित किया गया। इसमें थाना सरायलखंसी में नियुक्त उपनिरीक्षक जनार्दन सिंह द्वारा गुणवत्तापूर्ण समस्याओं का निस्तारण कराया गया तथा फरियादी संतुष्ट भी रहे। इनके उत्कृष्ट कार्य किए जाने को लेकर उनकी टीम को 05 हजार रुपये के पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की गई। वहीं थाना सरायलखंसी पर नियुक्त उपनिरीक्षक रामानुज द्वारा समस्याओं के निस्तारण में उपेक्षापूर्ण रवैया अख्तियार करने पर 07 दिन के वेतन कटौती का नोटिस निर्गत करने का निर्देश दिया गया। इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवननाथ त्रिपाठी, क्षेत्राधिकारी नगर, क्षेत्राधिकारी मधुबन, प्रतिसार निरीक्षक, वाचक पुलिस अधीक्षक आदि उपस्थित थे। प्वाइंटर<ढ्डद्धड्ड>--

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क्या है दर्पण-सत्यमेव जयते<ढ्डद्धड्ड>--

- प्रत्येक सप्ताह पुलिस कार्यालय में प्राप्त कुल प्रार्थना पत्रों में से 25 शिकायत कर्ता बुलाए जाएंगे। इनमें 20 शिकायत प्रार्थना पत्र के आवेदक होंगे तथा 05 विवेचना संबंधी शिकायतों के आवेदक होंगे।

- समस्त प्रार्थना पत्रों के जांचकर्ता अधिकारी व विवेचनाधिकारी बुलाए जाएंगे।

- जांच अधिकारी द्वारा पूर्व में प्रेषित आख्या पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।

- यदि आवेदक की समस्या का समाधान जांचकर्ता अधिकारी द्वारा अच्छे तरीके से कराया गया है तो पुरस्कृत किया जाएगा तथा झूठी आख्या/रिपोर्ट लगाने वाले जांच अधिकारी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

- अगर यह पाया जाता है कि कोई आवेदक किसी गलत नियत से या अपनें प्रतिपक्षी के विरुद्ध झूठे आरोप लगाकर उसको फंसाना चाहता है तो उसके विरुद्ध धारा 182 व 211 भादवि के अंतर्गत न्यायालय को रिपोर्ट दी जाएगी।

- आवश्यकता पड़ने पर किसी भी विवाद के संबंध में दोनों पक्षों को भी बुलाया जाएगा।

- जांचकर्ता अधिकारी जांच के दौरान मौके पर जाने की फोटो भी लेकर आएंगे तथा जमीनी विवाद है तो विवादित स्थल की भी फोटो लेकर आएंगे।

- इस व्यवस्था को रिजर्व पुलिस लाइन में सप्ताह में एक दिन समय 12 बजे से 01 बजे तक संचालित किया जाएगा।


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