मां सरयू की धारा में लगाई पुण्य की डुबकी
मौनी अमावस्या के अवसर पर पतित पावनी मां सरयू के तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। अविरल धारा में श्रद्धालु नर-नारियों ने मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाई। स्नान करने के बाद लोगों ने मां सरजू का पूजन फूल-माला अगरबत्ती और कपूर से किया। साथ ही हलवा-पूरी चढ़ाकर मन्नते मांगी। साथ ही मोक्ष प्राप्ति के लिए गोदान किया गया।
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : मौनी अमावस्या के अवसर पर पतित पावनी मां सरयू के तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। अविरल धारा में श्रद्धालु नर-नारियों ने मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाई। स्नान करने के बाद लोगों ने मां सरजू का पूजन फूल-माला, अगरबत्ती और कपूर से किया। साथ ही हलवा-पूरी चढ़ाकर मन्नत मांगी। साथ ही मोक्ष प्राप्ति के लिए गोदान किया गया।
श्रद्धालुओं ने संकट मोचन मंदिर में माथा टेक कर लोगों ने अर्चना-पूजन की। नदी तट पर स्थित भिखारियों को अन्नदान किया। रामघाट, मातेश्वरी घाट, जानकी घाट, गौरीशंकर घाट, नागा बाबा घाट, ब्रह्मचारी जी कुटी सहित सरजू तट पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। मुक्तिधाम परिसर में लोक धूप का आनंद लिए तथा द्वादश लिग का दर्शन कर महाकाल के चरणों में शीश नवाए। प्राचीन शिव मंदिर में लोगों ने आशुतोष भगवान शिवशंकर का पूजन-अर्चन किया। राम-जानकी मंदिर में कपूर की आरती किया गया। जानकी घाट पर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना कर संतोषी मां के मंदिर में फूलों की माला चढ़ाएं। चारों तरफ का वातावरण धर्ममय था। धूप-अगरबत्ती और कपूर से चारों तरफ की आबो-हवा सुगंधित हो उठी। अंतर्राष्ट्रीय मातेश्वरी महाधाम पर आए सभी भक्तों को सदगुरु महाराज ने आशीर्वाद दिया तथा त्रिदेव सतगुरु महायज्ञ की तैयारी के लिए भक्तों को योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने का निर्देश दिया। आशक्ति मां के चरणों में सभी लोगों ने शीश नवाया।