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शासन को वापस होंगे 58 लाख रुपये

ग्रामीण विकास की मुख्य धुरी ग्राम पंचायतें खुद बेरोजगार और आर्थिक रूप से बीमार हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार ग्राम पंचायतों को और सशक्त करने की वकालत कर चुके हैं। उनका मानना है कि ग्राम पंचायतें सशक्त हों और ग्रामीण विकास की रचना करें। ऐसे में ग्राम पंचायतों के खुद की आय क्या है इसका खुलासा होते ही पोल खुल गई। वर्ष 2016-17 में 14वें वित्त आयोग की परफार्मेंस ग्रांट के लिए विकास खंड रानीपुर की दो ग्राम पंचायतों के खाते में अनियमित रूप से भेज दी गई 5

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 08:10 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 08:10 PM (IST)
शासन को वापस होंगे 58 लाख रुपये
शासन को वापस होंगे 58 लाख रुपये

जागरण संवाददाता, मऊ : ग्रामीण विकास की मुख्य धुरी ग्राम पंचायतें खुद बेरोजगार और आर्थिक रूप से बीमार हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार ग्राम पंचायतों को और सशक्त करने की वकालत कर चुके हैं। उनका मानना है कि ग्राम पंचायतें सशक्त हों और ग्रामीण विकास की रचना करें। ऐसे में ग्राम पंचायतों के खुद की आय क्या है इसका खुलासा होते ही पोल खुल गई। वर्ष 2016-17 में 14वें वित्त आयोग की परफार्मेंस ग्रांट के लिए विकास खंड रानीपुर की दो ग्राम पंचायतों के खाते में अनियमित रूप से भेज दी गई 58.50 लाख रुपये की धनराशि शासन को वापस होगी।

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ग्राम पंचायतों को केवल केंद्र सरकार के मनरेगा, 14वें वित्त व राज्य सरकार के चौथे राज्यवित्त की धनराशि को खर्च करने के अलावा और कोई संसाधन नहीं हैं। गांव में सैकड़ों की तादाद में पोखरे बिना नीलामी के पड़े हुए हैं। अगर इन पोखरों व तालाबों आदि की नीलामी होती तो ग्राम पंचायतों को लाखों रुपये राजस्व के रूप में मिलते। केंद्र सरकार के 14वें वित्त आयोग के तहत ऐसी ग्राम पंचायतों को परफार्मेंस ग्रांट दी जाती है। इसके तहत ऐसी ग्राम पंचायतें जिन्होंने गांव में मछली पालन, हाट-बाजार की आय, पेड़ों की नीलामी, तालाबों की नीलामी आदि से स्वयं की आय की हो। ऐसी ग्राम पंचायतों को सरकार एकमुश्त प्रोत्साहन राशि देती है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ग्राम पंचायतों के खुद की आय बढ़ाने की वकालत की थी। प्रधानमंत्री का मानना है कि ग्राम पंचायतें अपने संसाधन से खुद आय करें। इससे उनको किसी के भरोसे नहीं रहना पड़े। वित्तीय वर्ष 2016-17 में जनपद की दो ग्राम पंचायतों में परफार्मेंस ग्रांट भेज दी गई। बाद में शासन ने जांच कराया तो पाया गया कि अनियमित तरीके से परफार्मेंस ग्रांट के संचालन पर रोक लगा दी। तबसे यह धनराशि ग्राम पंचायतों के खाते में पड़ी है। अब शासन ने इसे वापस करने के निर्देश जिलों को दिए हैं। इनसेट--

कमथरी नूरपुर ने खर्च किए थे 24 लाख रुपये

शासन द्वारा कमथरी नूरपुर को भेजी गई 41.72 लाख रुपये में से ग्राम पंचायत ने 24 लाख रुपये व्यय कर लिए थे। बाद में जब मामला खुला तो विभाग ने जांच कराकर ग्राम पंचायत से भरपाई कराई। अब जबकि शासन ने कड़ा रुख अख्तियार किया है और धनराशि वापस करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इनसेट--

यहां आई थी इतनी धनराशि

ग्राम पंचायत का नाम - धनराशि

41,72,348 रुपये - कमथरी नूरपुर

16,76,745 रुपये - करपिया वर्जन--

'शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2016-17 में दो ग्राम पंचायतों में भेजी गई परफार्मेंस ग्रांट पर रोक लगा दी गई है। अब इस धनराशि को शासन को लौटा दिया जाएगा। आगे शासन के आदेशानुसार ग्राम पंचायतों से आवेदन मांगे जाएंगे'

-आलोक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी, मऊ।


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