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कायम है 1967 का 58.10 फीसद मतदान का कीर्तिमान

ल्ख मौसम और तेज धूप। शादी विवाह का समय। मतदान के दिन 19 मई को लग्न मुहूर्त भी है। ऐसे में अब तक चलाए गए मतदाता जागरूकता के अभियान के प्रभाव की 19 मई को परीक्षा होगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 06:21 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 06:21 PM (IST)
कायम है 1967 का 58.10 फीसद मतदान का कीर्तिमान
कायम है 1967 का 58.10 फीसद मतदान का कीर्तिमान

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : तल्ख मौसम और तेज धूप। शादी विवाह का समय। मतदान के दिन 19 मई को लग्न मुहूर्त भी है। ऐसे में अब तक चलाए गए मतदाता जागरूकता के अभियान के प्रभाव की 19 मई को परीक्षा होगी। अभी तक इस लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने मतदान में कभी प्रथम श्रेणी नहीं प्राप्त किया है। बीते कुछ चुनावों से मतदाताओं को जागरूक किए जाने हेतु तमाम कवायद हो रही है पर वर्ष 1967 में हुए चौथे चुनाव में अधिकतम 586.10 फीसद मतदान का रिकार्ड कायम है।

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गर्मी के दिन और शादी विवाह का मौसम होने के चलते तमाम प्रवासी मतदाता अपने घर पर होंगे। ऐसे में मतदान करने वालों की संख्या अधिक होनी चाहिए। निर्वाचन आयोग एवं प्रशासन भी अधिकाधिक मतदान हेतु हर स्तर पर कवायद कर रहा है। कभी रैली तो कभी मतदाता जागरूकता रथ और नुक्कड़ नाटक आदि के माध्यम से प्रशासन ने मतदाताओं को जागरूक बनाया है। बीते चुनावों पर नजर डालें तो परिणाम सुखद नहीं हैं। प्रथम आम चुनाव में 389537 में से महज 153266 मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया और मतदान प्रतिशत 39.34 रहा। दूसरे चुनाव में जागरूकता बढ़ी और 218451 ने वोट डाला और यह प्रतिशत 56.07 पर पहुंचा। 1962 में हुए तृतीय लोकसभा चुनाव में 433042 मतदाताओं में से 244691 ने मतदान कर प्रतिशत 56.51 कर दिया। उन दिनों न तो आयोग बहुत सक्रिय रहा और न ही मतदाता जागरूक। मतदाता जागरूक अभियान शैशवास्था में था। मतदान केंद्र भ्राी काफी दूर होते थे। बावजूद इसके 1967 में चौथी लोकसभा के गठन हेतु हुए चुनाव में 58.10 फीसद मतदाताओं ने मत दिया। इस चुनाव में 5019854 में से 278070 मतदाता बूथ पर पहुंचे। वर्ष 1971 में यह प्रतिशत घटकर 46.92 तक आ गया पर जनता पार्टी की लहर चली तो 1977 में 56.60 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला। 1980 में 53.59 और 1984 में 54.50 फीसदी मतदाता केंद्र तक पहुंचे। वर्ष 1989 में हुए चुनाव में यह आंकड़ा 50.78 रहा तो वर्ष 1991 में गिरकर 48.73 पर आ गया। वर्ष 1996 में 50.50 फीसदी मतदाता घर से निकले तो 98 में 56.46 फीसद ने मतदान किया। 1999 में 56.44, 2004 में 50.56 और 2009 में तमाम प्रयास के बावजूद महज 45.23 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला। बीते चुनाव में अलबत्ता 18991112 में से 1039658 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चुनाव में भी यह आंकड़ा 55 फीसदी से ऊपर न बढ़ सका। इस वर्ष देखना यह कि इस लोकसभा क्षेत्र के मतदाता मतदान करने में प्रथम श्रेणी को पार करते हैं या हाल बीते चुनावों जैसा ही होता है।


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