धैर्य और साहस से 2915 लोगों ने दिया संक्रमण को मात
वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण का प्रभाव जिले में पहली बार 19 अप्रैल को देखने को मिला था जब कोपागंज के दोस्तपुरा में जमात से आया एक युवक कोरोना पाजिटिव पाया गया।
शैलेश अस्थाना, मऊ :
वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण का प्रभाव जिले में पहली बार 19 अप्रैल को देखने को मिला था, जब कोपागंज के दोस्तपुरा में जमात से आया एक युवक कोरोना पाजिटिव पाया गया। इसके एक माह बाद दूसरा केस 17 मई को मिला था। मई में कोविड-19 की रफ्तार धीमी रही मगर देश के औद्योगिक महानगरों से हुए महा-पलायन के बाद जिले में गैर राज्यों से आए लोगों के पाजिटिव पाए जाने का जो सिलसिला शुरू हुआ तो फिर एक बारगी भयावह स्थिति जून, जुलाई, अगस्त के महीनों में दिखाई देने लगी। तब से लेकर अब तक जिले के कुल 2988 लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं मगर उनमें से 2915 लोगों ने अपनी मजबूत इम्युनिटी के बल पर इस चीनी वायरस को मात दे दिया और स्वस्थ होकर अपने घर-परिवार में वापस आए। हालांकि इस बीच 39 लोग इस लड़ाई में जिदगी की जंग हार गए।
इस बीच सबने घोर लाकडाउन का पालन किया, गैर राज्यों से आने वाले थके-हारे श्रमिकों की सेवा की और हर नियमों का पालन किया। पुलिस कर्मी हों या प्रशासन के लोग, युवा हों या महिलाएं, समाजसेवी हों या राजनीतिक लोग, सबने अपनी-अपनी सामाजिक भूमिका को बेहतर ढंग से निभाया। अपने पास-पड़ोस की भी चिता की और किसी को भूखों नहीं तड़पने दिया। उच्च रिकवरी दर ने खींचा स्वास्थ्य मंत्रालय का ध्यान
जनपद के लोगों के स्वस्थ होने की उच्च दर ने देश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर खींचा और इंडियन कौंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के विशेषज्ञों ने यहां आकर लोगों की प्रतिरक्षण क्षमता की विशेषता जानने के लिए सैंपल और आंकड़े एकत्र किए। आइसीएमआर का शोध अभी भी जारी है और टीम यहां तीन चरणों में पहुंचकर चयनित स्थलों के 1200 लोगों के सैंपल ले चुकी है। वर्ष के अंतिम दिन एक मिला पाजिटिव
वर्ष के अंतिम दिन गुरुवार को एंटीजन और लैब सहित 1418 की जांच कराई गई जिसमें एंटीजन से एक पाजिटिव मिला। हालांकि इस दौरान कोई रिकवर नहीं हुआ। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सतीशचंद्र सिंह ने बताया कि गुरुवार को एंटीजन से 664 की जांच और लैब से 754 की रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसमें डुमरांव से 28 वर्षीय पुरुष पाजिटिव मिला।