छात्र कल्याणकारी योजनाएं लिखकर रट रहे गुरुजी
छात्र कल्याणकारी योजनाएं लिखकर रट रहे गुरुजी
छात्र कल्याणकारी योजनाएं लिखकर रट रहे गुरुजी
सूर्यकांत त्रिपाठी, मऊ : प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना क्या है? कोई विद्यार्थी इसका लाभ कैसे ले सकता है? इसी तरह, सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सीबीएसई उड़ान स्कीम और माध्यमिक शिक्षा के लिए लड़कियों के लिए प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना क्या है...? इन्हीं सवालों का जवाब देना है इंटरमीडिएट कालेजों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों को।
केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से छात्र हित में चलाई जा रहीं सभी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उन्हें विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को जानकारी देनी होगी। यह निर्देश जारी किया है डीएम अरुण कुमार ने। अब सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य और अध्यापक इंटरनेट की मदद से योजनाओं के बारे में स्वयं जानकारी ले रहे हैं और लिखकर उन्हें रट रहे हैं। जानकारी न होने पर डीएम ने कार्रवाई की चेतावनी दी है। शासन के निर्देश पर डीएम ने बीते दिनों सभी प्रधानाचार्यों की बैठक बुलाकर कहा कि छात्र हित में बनी हर योजना से विद्यालय के सभी छात्र व उनके अभिभावक भली-भांति परिचित होने चाहिए। इस संबंध में डीआइओएस डा. राजेंद्र प्रसाद ने प्रधानाचार्यों को योजनाओं की संक्षिप्त जानकारी के साथ एक पत्रक भी दिया है। अब जिले के सभी सरकारी व गैर-सरकारी इंटर कालेजों के प्रधानाचार्य पिछले कई दिनों से कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी एकत्र कर रहे हैं। जिले के 512 प्रधानाचार्यों को यह भी डर सता रहा है कि न जाने कब डीएम या डीआइओएस विद्यालय में आकर उन्हीं से योजनाओं पर सवाल-जवाब करने लगें। इसलिए हर कोई खुदको अपडेट करने में जुटा है। डीएवी के राज्य पुरस्कार प्राप्त प्रधानाचार्य देवभाष्कर तिवारी ने कहा कि योजनाओं के संबंध में सतही जानकारी से काम नहीं चलेगा। बच्चों की जिज्ञासाओं का समाधान भी करना होगा इसलिए तैयारी जरूरी है।
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इन योजनाओं पर है खास ध्यान
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, कन्या सुमंगला, मिशन शक्ति, नारी सुरक्षा, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना, शुल्क प्रतिपूर्ति, इंस्पायर अवार्ड योजना, प्रोजेक्ट अलंकार, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, सर्व शिक्षा अभियान आदि।
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प्रधानाचार्यों की बैठक बुलाकर योजनाओं के संबंध में आवश्यक जानकारियां उपलब्ध करा दी गई हैं। छात्रों और अभिभावकों तक इन योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी है। समय-समय पर निरीक्षण कर इसका आकलन भी किया जाएगा।
- डा. राजेंद्र प्रसाद, जिला विद्यालय निरीक्षक, मऊ।