20 हजार की टिकट बुकिग, आठ लाख की वापसी
रेलवे आरक्षण खिड़की से नहीं कम हो रहा टिकटों की वापसी का सिलसिला - तीन जून से अब तक लगभग 35 लाख रुपये के टिकट हुए वापस - टिकट रद करने के लिए मुख्यालय से फिर मांगे गए 40 लाख रुपये
जागरण संवाददाता, मऊ : रेलवे के स्थानीय जंक्शन की आरक्षण टिकट खिड़की से टिकटों की बुकिग कम और रद्दीकरण ज्यादा हो रहा है। एक-दो दिनों से तो स्थिति यह है कि लगभग 20 हजार रुपये तक के टिकट खरीदे जा रहे हैं तो लगभग सात से आठ लाख रुपये तक के टिकट रद कर यात्रियों को नगद देना पड़ रहा है। तीन से 16 जून तक टिकट रद कराने के कारण यात्रियों को लगभग 35 लाख रुपये वापस किए जा चुके हैं। मंगलवार को नगद धनराशि की उपलब्धता कम होने के कारण काफी संख्या में टिकट वापस कराने आए यात्रियों को वापस लौटना पड़ा।
मार्च से लेकर जून माह तक के महानगरों में रहने वाले लोगों ने टिकट करा रखा था। इस दौरान 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा और ट्रेनों का संचालन 31 मई तक बंद हो जाने से लोग अपने टिकट रद नहीं करा पाए। ऐसे में महानगरों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से जिले में आ चुके लोग रेलवे स्टेशन की आरक्षण खिड़की पर बड़ी संख्या में टिकट वापस कराने के लिए जुट रहे हैं। स्थानीय रेलवे जंक्शन पर तीन जून से टिकटों की बुकिग और वापसी का कार्य निरंतर किया जा रहा है। डीसीआइ सिरनाम सिंह ने बताया कि तीन जून से अब तक 35 लाख रुपये मूल्य के टिकट वापस किए जा चुके हैं। कहा कि प्रतिदिन सात से आठ लाख रुपये तक के टिकट वापस किए जा रहे हैं, जबकि बुकिग मात्र 20 लाख रुपये की हो रही है। यात्रियों को टिकट रद कराने के एवज में नगद धन देने के लिए मुख्यालय से और 40 लाख रुपये की मांग की गई है।