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मुंबई बांद्रा से 1789 श्रमिकों ने की घर वापसी

शुरू में कम मेडिकल टीमों के चलते थर्मल स्क्रीनिग में हुआ विलंब - यात्रियों को ट्रेन में ही रोकने में आरपीएफ-जीआरपी को करनी पड़ी मशक्कत - स्टेशन प्रांगण से बाहर निकलने के बाद प्रवासर श्रमिकों ने ली राहत की सांस

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 May 2020 05:43 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 05:43 PM (IST)
मुंबई बांद्रा से 1789 श्रमिकों ने की घर वापसी
मुंबई बांद्रा से 1789 श्रमिकों ने की घर वापसी

जागरण संवाददाता, मऊ : देश के विभिन्न महानगरों से प्रवासी मजदूरों के लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार को मुंबई बांद्रा से 1789 प्रवासी मजदूरों एवं उनके कुनबे को लेकर चली स्पेशल श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन सुबह लगभग 11 बजे मऊ जंक्शन पर पहुंच गई। इस बीच जिला प्रशासन की ओर से मेडिकल टीमें कम होने के चलते यात्रियों को ट्रेन में ही दो घंटे से अधिक का समय बिताना पड़ा। कड़ी धूप के बीच खड़ी ट्रेन में यात्रियों का एक-एक मिनट ट्रेन में बैठे रहना मुश्किल हो रहा था, लेकिन आरपीएफ और जीआरपी के जवानों ने कड़ी मशक्कत कर यात्रियों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्हें रोके रखा। मेडिकल टीमों की संख्या बढ़ते ही थर्मल स्क्रीनिग एवं सूची बनाने का कार्य तेज हो गया, जिसके बाद कुछ ही देर में सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग हो गई और उन्हें स्टेशन से बाहर जाने दिया गया। बाहर निकले यात्रियों को जब घर जाने की बस मिली तो उन्होंने राहत की सांस ली।

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मुंबई नगर के बांद्रा से श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस को शनिवार की अलसुबह लगभग चार बजे ही आना था, लेकिन वह आठ घंटे के विलंब से मऊ जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर पहुंची। ट्रेन के विलंबित होने से यात्रियों को काफी असुविधा झेलनी पड़ी, लेकिन अधिकांश यात्रियों के चेहरे पर रास्ते का कष्ट झेलने का भाव कम और घर पहुंचने की खुशी ज्यादा झलकी। मौके पर जिला प्रशासन का नेतृत्व कर रहे सिटी मजिस्ट्रेट जेएन सचान ने बताया कि बांद्रा श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आए सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिग कराई गई है। सभी यात्रियों के संबंध में प्राप्त सूचनाओं को सूचीबद्ध कराया गया है। थर्मल स्क्रीनिग में बुखार आदि संदिग्ध होने का कोई लक्षण न पाए जाने के बाद यात्रियों को परिवहन निगम की बसों के जरिए गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। हालांकि, इस दौरान आरपीएफ थानाध्यक्ष डीके राय एवं जीआरपी थानाध्यक्ष ओमप्रकाश तिवारी को अपनी पूरी टीम के साथ लगातार और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कई घंटे काम करना पड़ा। दोनों प्रभारियों ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और उनकी सुरक्षित यात्रा उनकी सर्वाेच्च प्राथमिकता में है।


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