संतों के सत्संग में ही मिलते सवालों के जवाब
जयगुरुदेव मंदिर में वार्षिक भंडारे के तीसरे दिन भी रही भक्तों की भीड़, शाकाहार और ब'चों में संस्कारों का प्रवाह भी आज बड़ी जरूरत
मथुरा, जासं: जयगुरुदेव नाम योग साधना मंदिर में चल रहे 70वें वार्षिक भंडारे के तीसरे दिन सोमवार को भी भक्तों की भीड़ लगी रही। सत्संग सुनने श्रद्धालुओं का रेला दिन भर उमड़ता रहा। जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था व ट्रस्ट मथुरा के अध्यक्ष पंकज महाराज ने कहा कि मनुष्य को सदैव विचार करना चाहिए कि हम कौन हैं, कहां से आए हैं और तन छूटने के बाद कहां जाना है। इन प्रश्नों का उत्तर केवल संत-महापुरुषों के सत्संग में मिलता है।
पंकज महाराज ने कहा कि 'जयगुरुदेव' नाम अनामी महाप्रभु का है। इस 'जयगुरुदेव' नाम रूपी जहाज में दुनिया के सारे जीव बैठकर अपने मालिक यानि प्रभु के पास पहुंच सकते हैं। सच्चे गुरु की खोज करके अपने मानव जीवन को सफल बना लेना ही जीवन का साध्य है। बाबा जयगुरुदेव के सत्संग वचनों को माला की तरह फेरते रहें। मांस, मछली, अंडा, शराब का सेवन करने वाले लोग मालिक, प्रभु की भक्ति नहीं कर सकते हैं। बाबा जयगुरुदेव महाराज ने अच्छे समाज के निर्माण के लिये शाकाहार अपनाने और नशा परित्याग का अभियान चलाया। बगैर इसके अच्छे समाज के निर्माण की कल्पना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सत्संग में जरूर साथ लाया करें, जिससे उनमें अच्छे संस्कार पड़ें। यह आज के समय की मांग है। पंकज महाराज ने बताया कि चार दिवसीय होली मेला सत्संग कार्यक्रम का आयोजन 20 से 23 मार्च 2019 तक जयगुरुदेव आश्रम में होगा।