Move to Jagran APP

यमुना खतरे के निशान के करीब

हाई फ्लड जोन के 53 गांव को खतरा, 23 गांवों की आबादी पड़ सकती है मुसीबत में, ताजेवाला बांध से छोड़े गए पानी से खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर पहुंच सकता है जलस्तर

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 12:19 AM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 12:19 AM (IST)
यमुना खतरे के निशान के करीब
यमुना खतरे के निशान के करीब

मनोज चौधरी, मथुरा: ताजेवाला बांध से प्रलयकारी उफान भरते हुए बढ़ रही यमुना की लहरों की आहट से तटवर्ती गांवों में खलबली मच गई है।

loksabha election banner

दरअसल, शनिवार शाम छह बजे तक 6.49 लाख क्यूसिक से अधिक पानी ताजेवाला से यमुना में छोड़ा गया है। रविवार सुबह भी दो लाख 53 हजार 739 क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। यह पानी दो अगस्त की रात तक मथुरा पहुंचेगा और आठ अगस्त तक गोकुल बैराज से पास हो जाएगा। अनुमान है कि इस दौरान यमुना का जलस्तर प्रयाग घाट पर खतरे के निशान से 2 से 2.50 मीटर ऊपर होगा। रविवार की शाम पांच बजे तक यमुना खतरे के निशान (166 मीटर) से 1.8 मीटर नीचे बह रह थी।

सितंबर, 2013 में भी यमुना में ताजेवाला से आठ लाख क्यूसिक पानी छोड़ गया था, तब प्रयाग घाट पर पानी खतरे के निशान से 2.10 मीटर ऊपर पहुंचा था। यह स्थिति इस बार जुलाई में ही है।

जिले में बाढ़ प्रभावित 203 गांव हैं। इनमें से 52 गांव हाई फ्लड जोन में हैं। सर्वाधिक गांव मांट और छाता तहसील में आते हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने तहसील स्तर पर बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर दी हैं।

एडीएम फाइनेंस रवींद्र ¨सह ने बताया कि यमुना का सामान्य जलस्तर 163 मीटर तक है। बढ़ते जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। 1996 में ली थी सेना की मदद:

--1996 में अधिक बरसात होने और हाथीकुंड से पानी छोड़े जाने से यमुना का जलस्तर 167.1 मीटर तक पहुंच गया था। उस समय गोवर्धन ड्रेन की सांतरुक गांव के पास करीब डेढ़ सो मीटर पटरी टूट गई थी, जिससे 27 गांव टापू बन गए थे। 293 गांव प्रभावित हुए थे। राहत कार्य के लिए उस समय सेना की मदद ली गई थी।

----------------------

इन गांवों में खतरा: मांट तहसील के गांव छिनपारई, बसाऊ, दौलतपुर, फिरोजपुर, अड्डा मल्लाहन खंड बाघर्रा, अड्डा मैना, अडडा जाटव, जहांगीपुर देदना, अड्डा मल्लाहन खंड बरौठ, बेगमुपुर, देदना, मंगल खोह, मखदूमपुर, मरहला मुक्खा, ओहाबा, सिहावन, सामौली, नगला हरिया, मंडारी, पिपरौली, डांगोली, अर्रुआ खादर, पानीगांव बाढ़ से निपटने की तैयारी:

--कुल नाविक--148

--बाढ़ सहायता शिविर--23

--बाढ़ चौकी--33

--गोताखोर--11

--पशु सहायता शिविर--10

--कंट्रोल रूम: 0565270128, 2470218

--खाली पड़ी बाढ़ चौकियां: बाढ़ प्रभावित लोगों के ठहरने के लिए जो बाढ़ चौकियां स्थापित की गई है, वे रविवार शाम तक खाली पड़ी थीं। प्राथमिक विद्यालय अड्डा मल्लहान में ताला लटका हुआ था। आचार्य जुगल किशोर नवल किशोर विद्यालय में भी कोई व्यवस्था नहीं गई है। विद्यालय परिसर में पानी भरा हुआ है। जानवर इसमें घूम रहे हैं। बिजली तक की इनमें कोई व्यवस्था नहीं है। यहां ताला लटका हुआ था। यही स्थिति नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज महावन की थी। वृंदावन में बनाई गई बाढ़ चौकियों पर कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। ------कटान से ग्रामीण दहशत में:

सुरीर: नौहझील से तीन किमी दूर गांव फिरोजपुर, अड्डा मीणा, अड्डा जाटव और मंगल खोह मार्ग के कटान से ग्रामीण दशहत में हैं। यहां यमुना का पानी सड़क को छूकर बह रहा है। ग्रामीण की शिकायत को प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रहा है। ¨सहावन, नगला नहारिया, भिदौनी एवं सामोली के ग्रामीण ¨चतित हैं। गांव ¨सहावन के धर्मपाल ¨सह ने बताया प्रशासन कटान को रोकने को प्रयास नहीं कर रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.