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सात नदियों के जल से होगा गिरिराजजी का अभिषेक

मुड़िया पूर्णिमा मेला के लिए वृद्ध साधु रामप्रकाश कर रहा जल एकत्रित

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jun 2019 11:40 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 06:22 AM (IST)
सात नदियों के जल से होगा गिरिराजजी का अभिषेक
सात नदियों के जल से होगा गिरिराजजी का अभिषेक

गोवर्धन(मथुरा), संसू। मुड़िया पूर्णिमा मेला में इस बार सात नदियों के जल का संगम नजर आएगा। अपने आराध्य का सात नदियों से अभिषेक करने के लिए एक वृद्ध साधु नदियों के जल को एकत्रित कर रहा है। 36 वर्षो से सेवा के इस कार्य को निर्बाध रूप से अंजाम दे रहा है।

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गांव इनायतपुर, तहसील फतेहाबाद, जिला आगरा के रहने वाले पं.भोगीराम शर्मा के पुत्र 76 वर्षीय पं रामप्रकाश बचपन से ही भक्ति में डूबे हैं और अब गिरिराजजी की सेवा कर रहे हैं। करीब 36 वर्ष पहले गोवर्धन अपने आराध्य के दर्शन करने आए थे। उन्हें प्रेरणा हुई कि गोवर्धन महाराज का अभिषेक गंगा और यमुना जल से होना चाहिए। तभी से 20-20 लीटर की पांच टंकियों में इलाहाबाद में संगम से गंगाजल लाने की सेवा करने लगे। गंगाजल की बढ़ती मांग को देखते हुए वर्ष 2009 में बाबा ने भक्तों की सहायता से छह टायर वाले ट्रक और 12 हजार लीटर क्षमता का एक टैंकर खरीदा। इस समय तक इन्हें लोग 'गंगाजी वाले बाबा' कहने लगे थे। बाबा महीने में एक बार छह हजार लीटर गंगाजल और इतना ही यमुना जल लाकर ब्रज के मंदिरों को निश्शुल्क उपलब्ध कराते हैं। बरसाना में राधारानी, मथुरा के भूतेश्वर महादेव, गोकुल के कान्हा, महावन के चिताहरण, बलदेव के दाऊजी महाराज और बरसाना में राधारानी मंदिर पर गंगाजल वितरण करते हुए ये टैंकर गोवर्धन में दानघाटी पर जल उपलब्ध कराता है, लेकिन इस बार मुड़िया पूर्णिमा में गोवर्धन में सात नदियों के जल का संगम नजर आएगा। गिरिराजजी के अभिषेक में गंगा, यमुना, सरयू, गोदावरी, नर्मदा, भरतकूप और मंदाकिनी का जल प्रयुक्त होगा। इसके लिए तैयारी पूर्ण कर ली गई हैं।

यहां के जल से होता है अभिषेक: उत्तराखंड में नीलकंठ के नीचे पशुलोक बैराज से गंगाजल लाया जाता है। कभी-कभी गंगा घाटी ऋषिकेश, प्रयागराज संगम, मंदाकिनी, गुप्त गोदावरी, नर्मदाघाट धुंआधार (जबलपुर) और करनाल से आगे जगाधारी तथा अयोध्या की सरयू आदि स्थलों से जल लाते हैं। जिस वाहन से यह जल आता है, शासन ने उस वाहन को सभी तरह के कर एवं अतिरिक्त कर से मुक्त कर रखा है। ड्राइवर के लिए भी नियम:

जल लाने वाले ट्रक पर वही ड्राइवर रहता है, जो जनेऊ और कंठी धारण किए हो। उसके लिए धूमपान वर्जित है। आने-जाने के दौरान कहीं भी लघु शंका करने पर उसे स्नान करना पड़ता है। पिछले तीन साल से प्रेमवीर सिंह ड्राइवर हैं।


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