सिल्ट सफाई में घपला दबाने को आगे बढ़ रहा पानी
जरारा रजवाह और उससे निकली माइनरों का किया ¨सचाई बंधु उपाध्यक्ष ने निरीक्षण, सफाई न होने की शिकायत, ठेकेदारों ने माइनरों की चौड़ाई भी कर दी कम
जागरण संवाददाता, मथुरा: तहसील मांट क्षेत्र के गांव सिकंदपुर, जरैलिया, हसनपुर, जरारा, बेरा, नगला जगरुपा, भदनबारा, नगला पाती, गढ़ और राजागढ़ी के ग्रामीणों के बीच साल-दर-साल ¨सचाई के पानी को लेकर रंजिश मुखर हो रही है। इन इलाकों के किसानों को ¨सचाई के लिए निचली मांट ब्रांच खंड गंग नहर के करीब 73 किलोमीटर लंबे जरारा रजवाह से पानी मिल रहा है।
शुक्रवार को जरारा रजवाह और इससे निकली माइनरों का निरीक्षण करने को गए ¨सचाई बंधु के उपाध्यक्ष सुधीर रावत के सामने किसानों ने अपनी यही पीड़ा व्यक्त की थी। दरअसल, इस रजवाह की हैड से टेल तक सफाई होनी है, जो अभी शुरू नहीं हो सकी है। पांच-छह दिन बाद नहर में पानी छोड़ दिया जाएगा। इसके साथ ही ¨सचाई विभाग के साथ ही करोड़ों रुपये के घपले के साक्ष्य भी जलधारा में बह जाएंगे।
¨सचाई बंधु के उपाध्यक्ष सुधीर रावत जरारा रजवाह का निरीक्षण करने के लिए गए थे। रजवाह के निकली बेरा माइनर के हैड पर गांव जरैलिया के किसान कोमल ¨सह, अर्जुन ¨सह और सिकंदपुर के किसान रवींद्र ¨सह ने बताया कि दो साल से रजवाह की सफाई नहीं कराई गई है। सफाई के नाम पर सात-आठ इंच जेसीबी से सिल्ट की परत खुरच दी जाती है। सरकंड़े और झाड़ियां नहीं कटवाई जा रही है। कुलाबों में पानी नहीं चढ़ता है। इसलिए किसान बीच में ही बंधा लगा कर हैड की तरफ पानी को रोकते हैं। टेल के किसान रात को आते और बंधा खोल कर ले जाते हैं। इससे किसानों के बीच कई बार झगड़े हो गए हैं। किसानों का कहना है कि माइनरें पहले चौड़ी थी, लेकिन उनको ठेकेदारों ने खोदाई करके नाली के रूप में बदल दिया है। ¨सचाई बंधु उपाध्यक्ष ने बताया कि सात-आठ दिन में नहरों पानी छोड़ दिया जाएगा और इसके बाद सफाई नहीं हो पाएगी।