तो क्या सर्वे बिना ही दे दिया स्वच्छता का दर्जा
सूबे में मिली है पांचवीं रैं¨कग, वार्ड 70 में गंदगी का आलम, सड़क पर नालियों से गंदा पानी, प्राचीन मंदिरों के पास गंदगी के ढेर झुठला रहे सर्वे
वृंदावन, जासं: स्वच्छ भारत मिशन के प्रचार-प्रसार तक सीमित शासन और प्रशासन की कार्यशैली से जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। स्वच्छता पर सूबे में पांचवां स्थान पाने वाले वार्ड के लोग इसके मानक और सर्वे पर सवाल उठा रहे हैं। यहां सड़क पर नालियों से गंदा पानी बहना आम बात है तो प्राचीन मंदिरों के आसपास गंदगी के ढेर भी सर्वे को झुठला रहे हैं।
मथुरा-वृंदावन नगर निगम के वार्ड संख्या 70 को स्वच्छता के पैमाने पर प्रदेश में पांचवां स्थान मिला है। वार्ड में ठा. बांकेबिहारी मंदिर, राधाबल्लभ मंदिर का क्षेत्र है, जहां सामाजिक संस्थाओं ने खुद सफाई की जिम्मेदारी उठा रखी है, लेकिन दूसरे प्राचीन मंदिरों में शामिल राधा दामोदर, सेवाकुंज, श्रृंगारवट मंदिर के अलावा परिक्रमा मार्ग और बनखंडी महादेव मंदिर के आसपास गंदगी का आलम आम बात है।
वार्ड निवासी दीपक पाराशर ने कहा कि जिस वार्ड में मेनहॉल खुले हैं, नाले-नालियां, सीवर लाइन अवरुद्ध हैं, बनखंडी महादेव जैसे व्यस्ततम इलाके में नालियां सड़क पर बह रही हैं, उसे प्रदेश में पांचवा स्थान मिला है तो बिना रैं¨कग वाले वार्डों की स्थिति क्या होगी। अंकित वाष्र्णेय कहते हैं बिना सर्वे किए अपनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। शिवकुमार कहते हैं कि शासन में सबकुछ जुगाड़ पर निर्भर है। कोई भी अवार्ड मिल सकता है। पार्षद वैभव अग्रवाल कहते हैं कि कई इलाकों में कुछ दिक्कतें कूड़ा डालने को लेकर हैं, वहांअब अधिक ध्यान दिया जाएगा।