विहिप की कार्यविधि, क्षमता व पद्धति पर मंथन
विश्व ¨हदू परिषद के विशेष संपर्क विभाग की दो दिवसीय बैठक शनिवार को वृंदावन में शुरू हो गई। बैठक में देशभर के 31 प्रांतों से आए 80 प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र में हुए कार्यों का ब्योरा दिया। पदाधिकारियों ने संगठन की कार्य विधि, कार्यक्षमता और पद्धति पर अपने विचार रखे।
जागरण संवादाता, वृंदावन (मथुरा): विश्व ¨हदू परिषद के विशेष संपर्क विभाग की दो दिवसीय बैठक शनिवार को वृंदावन में शुरू हो गई। बैठक में देशभर के 31 प्रांतों से आए 80 प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्र में हुए कार्यों का ब्योरा दिया। पदाधिकारियों ने संगठन की कार्य विधि, कार्यक्षमता और पद्धति पर अपने विचार रखे।
पहले दिन के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए आलोक ने संगठन की कार्य क्षमता और पद्धति पर विचार रखे। कहा कि समाज के हालात, शिक्षा व व्यवसाय के स्तर को देखते हुए उनके बीच जाकर विकास कर उन्हें अपने साथ जोड़ने का प्रयास होना चाहिए। वर्तमान हालातों में प्रतिनिधियों को किस तरह काम करना है, इसकी भी जानकारी दी। अब तक जिस भी हालात में काम हुए हैं, उससे अधिक लगन के साथ काम शुरू होने चाहिए।
अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री रासबिहारी ने संगठन की कार्यक्षमता पर कहा कि तरह संगठन के स्वयं सेवक दुर्गम स्थानों पर पहुंचकर समाज के अंतिम छोर में बैठे व्यक्ति तक को जोड़ने के प्रयत्न कर रहे हैं, हमें उनसे प्रेरणा लेते हुए अपनी रणनीति बनानी होगी। देश के उद्योग जगत, आइएएस, पीसीएस, राजनीति और विधि जगत में हमने अपने संपर्क कितने बढ़ाए हैं और आगे हम अधिक से अधिक लोगों को किस तरह से अपने साथ जोड़ सकें। इस पर भी मंथन करना होगा।
क्षेत्र संपर्क प्रमुख राघवेंद्र ने देश भर से आए प्रतिनिधियों को ब्रज संस्कृति व ब्रज के दर्शनीय स्थलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने ब्रज संस्कृति के महत्व को देश भर के लोगों के बीच ले जाने का भी संदेश प्रतिनिधियों को दिया। विहिप के प्रबंध समिति सदस्य दिनेश ने भी प्रतिनिधियों के समक्ष संगठन की क्षमता, कार्य पद्धति और आगामी योजनाओं की जानकारी दी। विहिप जिलाध्यक्ष बच्चू ¨सह, शिव प्रकाश, देवेंद्र, प्रदीप, राजू त्यागी, धनंजय पाठक समेत अनेक लोग मौजूद रहे।