सूबे की 105 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगा वैश्य समाज
अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद की राष्ट्रीय व प्रांतीय कार्यसमिति ब
संवाद सहयोगी, वृंदावन (मथुरा): अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद की राष्ट्रीय व प्रांतीय कार्यसमिति बैठक में रविवार को कई राजनीतिक व सामाजिक प्रस्ताव पास हुए। परिषद ने निर्णय लिया कि प्रदेश में वैश्य बाहुल्य 105 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे जाएंगे। 12 दिसंबर को मैनपुरी से राजनीतिक जन जागरण यात्रा निकाली जाएगी, जो विभिन्न शहरों से होते हुए 16 जनवरी को लखनऊ पहुंचेगी।
एक होटल में रविवार को परिषद की राष्ट्रीय व प्रांतीय कार्यसमिति बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सुमंत गुप्ता ने कहा कि वैश्य समाज पैसा देता है, टैक्स देता है। लेकिन उसे राजनीतिक भागीदारी नहीं मिलती। वैश्य समाज आज भी अछूता है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल वैश्य समाज को अकेला न समझें। वैश्य समाज अब जाग चुका है। वह राजनीतिक भागीदारी चाहता है। बताया कि वैश्य समाज ने राजनीतिक जन जागरण यात्रा निकालने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के समक्ष परिषद पदाधिकारियों ने जीएसटी में संशोधन की मांग रखी। मंत्री ने कहा कि वैश्य समाज राजनीतिक भागीदारी का मुख्य केंद्र है। जो राजनीतिक दल इस समाज से खुद को दूर रखेगा, उस दल को खामियाजा उठाना पड़ेगा। पीएम नरेंद्र मोदी को समाज का गौरव बताते हुए साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि समाज का ही व्यक्ति आज देश का प्रधानमंत्री है। देश ने मोदी के रूप में वैश्य समाज को उपहार दिया है।
प्रदेश के नगर विकास राज्य मंत्री महेश गुप्ता ने कहा, वैश्य समाज मेरे लिए सर्वोपरि है, वैश्य समाज के हर दुख-सुख में उसके साथ हूं। हमें वैश्य समाज की राजनीतिक जन जागरण यात्रा में अपनी एकता और हैसियत दिखानी होगी। तभी हमारी मांगों पर गौर होगा।
राष्ट्रीय प्रधान महासचिव विनय अग्रवाल ने कहा, राजनीतिक भागीदारी के लिए परिषद आवाज बुलंद करेगी। बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री हरिओम अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष रामकिशन अग्रवाल, राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमल किशोर वाष्र्णेय, प्रदेश प्रधान महासचिव अमित वाष्र्णेय, युवा महासचिव लोकेश वाष्र्णेय, आराधना गुप्ता, जिलाध्यक्ष अशोक खंडेलवाल, जिला महामंत्री ऋषि गुप्ता, युवा जिलाध्यक्ष मुकेश गुप्ता, अभिषेक जैन, विशाल गुप्ता, महिला जिलाध्यक्ष संगीता गोदानी, महामंत्री पायल सिघल, लता अग्रवाल, अमृत लाल खंडेलवाल, महेश वाष्र्णेय समेत सैकड़ों की संख्या में वैश्य समाज के लोग उपस्थित रहे।