जातीय संगठनों के बीच समन्वय स्थापित करेगा संघ
शताब्दी वर्ष तक हर गली-मुहल्ले में होंगे संघ सदस्य सामाजिक सछ्वाव गतिविधि का दो दिवसीय कार्यक्रम
मथुरा, जागरण संवाददाता। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जातियों में बंटे भारतीय समाज में कुछ कुरीतियां अवश्य हैं। मगर, यह संगठन किसी संघर्ष के लिए नहीं बने हैं। यह अपने-अपने समाज की एकता और विकास के लिए काम कर रहे हैं। संघ उनके बीच समन्वय स्थापित करेगा और देश की प्रगति में उनका योगदान कराएगा। भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक सद्भाव गतिविधि प्रकल्प के प्रतिनिधियों को संबोधित कर रहे थे।
वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम में आयोजित दो दिवसीय बैठक के अंतिम सत्र में उन्होंने कहा कि जाति-बिरादरी के संगठनों के साथ दहेज प्रथा, भ्रूण हत्या विवाह आदि समारोहों में जूठन बचना, मृत्यु भोज जैसी कुरीतियों को दूर करने की दिशा में काम किया जाएगा। हमारे कार्यकर्ता समाज के उन वर्गो के लोगों के पास जाएंगे, उनके यहां भोजन करेंगे।
इससे पूर्व दो सत्रों में सर कार्यवाह भय्याजी जोशी और सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने ग्राम्य विकास के साथ पर्यावरण और जल को बड़ा मुद्दा बताया। कार्यकर्ताओं को इन मुद्दों पर किस तरह काम करना है यह समझाया। दोनों सत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों में संघ की पैठ भी अहम मुद्दा रहा। संघ के शताब्दी वर्ष 2025 तक हर गली-मुहल्ले में संगठन की पैठ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
राजनीतिक मुद्दे नहीं छुए: हिदुत्व को मजबूत करने के लिए संघ छोटे-बड़े समाजों, सभी जाति-बिरादरियों को चिह्नित करेगा और उसके प्रतिनिधि अभी से अपने काम पर लग जाएंगे। दोनों दिन राजनीतिक स्तर के किसी मुद्दे पर मंच से बात नहीं हुई।
40 प्रांतों से आए प्रतिनिधि: संघ के दो दिवसीय कार्यक्रम में सामाजिक सद्भाव गतिविधि प्रकल्प के राष्ट्रीय, क्षेत्र और प्रांत स्तरीय सौ प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में शिरकत की। संघ योजना में 40 प्रांतों के प्रतिनिधि आए। इनका मार्गदर्शन करने के लिए सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, बड़े दिनेश व अन्य नेता भी मौजूद रहे।
दर्शनार्थी बने स्थानीय नेता: संघ के दो दिवसीय कार्यक्रम में साध्वी दीदी मां ऋतंभरा के करीबियों को भी अंदर सत्र में जाने की इजाजत नहीं मिली। स्थानीय भाजपा और संघ के कई नेता रविवार को वात्सल्य ग्राम पहुंचे। उन्हें गेस्ट हाउस तक ही जाने दिया गया। लंच और सत्र खत्म होने के बाद ही उनकी संघ के बड़े नेताओं से मुलाकात हो सकी। यह अभिवादन तक ही सीमित रही। भाजपा के रविकांत गर्ग, प्रणत पाल सिंह, डीपी गोयल, संघ नेताओं में चंद्रभान गुप्त, डॉ. रोशनलाल अग्रवाल आदि पहुंचे, जबकि राजकुमार सिंह व डॉ. संजय आदि व्यवस्थाओं में रहे।
भागवत आज भी रुकेंगे: संघ के दो दिवसीय कार्यक्रम का रविवार को समापन हो गया। इसी के साथ देश भर से आए प्रतिनिधि शाम से ही लौटने लगे। बड़े नेताओं में भय्याजी जोशी, दत्तात्रेय होसबोले और कृष्ण गोपाल वापस हो गए। संघ प्रमुख सोमवार की दोपहर तक यहीं प्रवास करेंगे।