पर्यटन-होटल उद्योग देख रहा राहत पैकेज की राह
धर्मस्थल होने के कारण पर्यटन के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण है कान्हा की नगरी
संवाद सहयोगी, मथुरा : किसी भी देश, राज्य व जिले की अर्थव्यवस्था में वहां का पर्यटन उद्योग रीढ़ की हड्डी होता है। उस क्षेत्र में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों से ही वहां के सभी उद्योग संचालित होते हैं। कान्हा की नगरी धर्मस्थल होने के कारण पर्यटन के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण है।
यहां देश के कई हिस्सों के साथ-साथ दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान व मुंबई से भी बड़ी संख्या में पर्यटन आते हैं। इनके यहां आने से ही यहां के होटल, रेस्टोरेंट, गेस्टहाउस सहित अन्य छोटे व मध्यम वर्गीय परिवारों को रोजगार मिलता है। होटल व पर्यटन से जुड़े कारोबारियों की मानें तो पर्यटन उद्योग सदैव सरकार की उपेक्षाओं का शिकार होता रहा है और यह हर बार अपने ही दम पर खड़ा हुआ है। इस बार भी ऐसा ही होगा। सरकार को पूरे देश की जीडीपी का 10 फीसद पर्यटन व होटल उद्योग से ही प्राप्त होता है। यदि सरकार होटल पर लगने वाले खर्चों में कमी करे तो महंगाई की दर में भी कमी आएगी और यहां आने वाले पर्यटक आसानी से इन होटलों में रुक सकेंगे। इससे यहां के स्थानीय लोगों को भी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। सरकार को पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्थाई शुल्क, नगर निगम या पालिका क्षेत्र में लगने वाले कर को कम या खत्म करना चाहिए। वहीं पिछले कुछ वर्षों की जीएसटी को रिफंड करने के साथ ही पर्यटन व होटल व्यवसाय से जुड़े लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा देनी चाहिए। बोले कारोबारी
विकट परिस्थिति में सरकार से राहत की काफी उम्मीद थी, लेकिन पर्यटन के लिए सरकार ने कोई राहत नहीं दी। सरकार को पर्यटन उद्योग से जुड़े होटल व अन्य के लिए खास पैकेज तैयार करना चाहिए था, जिससे पर्यटन उद्योग अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
-अमित जैन, होटल कारोबारी सरकार को जीएसटी खत्म कर देनी चाहिए। इससे कहीं न कहीं महंगाई में भी कमी आएगी जिससे पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा। वहीं सरकार को शारीरिक दूरी के नियम के साथ ही यहां के टूरिज्म सेक्टर को गति देनी चाहिए। इससे स्थानीय लोगों के आय के स्त्रोत बढ़ेंगे।
प्रमोद गर्ग कसेरे, व्यवसायी पर्यटन एक सीजनल कारोबार है। मथुरा धार्मिक नगरी है। वैसे तो लोग पूरे साल यहां आते हैं लेकिन होली, रक्षाबंधन जैसे कई पर्व ऐसे हैं जिस पर लोग अधिक संख्या में यहां आते हैं। इनकी आवक से ही यहां के लोगों की आय निर्धारित होती है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
-ललित अग्रवाल, व्यवसायी सरकार को पिछले तीन साल की जीएसटी का 40 फीसद लोन के रूप में देना चाहिए जो ब्याज मुक्त हो। साथ ही एक साल बाद इसकी ईएमआइ शुरू की जाए। इससे पर्यटन के साथ-साथ अन्य टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। इसमें टैक्सी, टेंपो सहित अन्य छोटे दुकानदारों को भी रोजगार मिलेगा।
अंकित बंसल, व्यवसायी इन्फो
-150-200 होटल हैं ब्रज क्षेत्र में
-150-175 के करीब हैं रेस्टोरेंट
-100-125 गेस्ट हाउस भी हैं