सफाई को तरस रहे पैगांव के वाशिदे
मार्गों की हालत है खराब पैदल निकलना भी मुश्किल ग्रामीणों का कहना है कि विकास के नाम पर हुई खानापूर्ति
संवाद सूत्र, कोसीकलां: गांव पैगांव स्वच्छता के लिए तरस रहा है। गलियों में सफाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। चारों ओर कीचड़ व गंदगी है। बरसात में समस्या और अधिक हो जाती है। अव्यवस्थाएं स्वच्छता को पलीता लगा रही हैं।
कोसी- शेरगढ़ मार्ग स्थित गांव पैगांव में विकास के मुद्दे पर चर्चाएं तो हुईं, लेकिन धरातल पर यह नजर नहीं आता है। खड़ंजों पर कीचड़, नालियों का पानी नजर आता है। कई रास्तों से पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है। करीब 74 सौ मतदाताओं वाले इस गांव के लोग इन्ही रास्तों से होकर गुजरते हैं। नियमित सफाई के नाम पर केवल कागजों पर ही कर्मचारी लगे हुए हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि गांव में कई खड़ंजे टूट गए हैं। इनके निर्माण की आवश्यकता है, लेकिन किसी ने देखा तक नहीं है। गांव का स्वरूप व स्वच्छता की स्थिति बिगड़ गई है। गांव में विकास के नाम पर पुराना ही काम है। सफाई को लेकर काम ही नहीं हुआ। बड़ा गांव होने के के कारण बेहतर व्यवस्थाएं होनी चाहिए थीं, लेकिन ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला।
शिवराम, ग्रामीण गली-खड़ंजों से ही गांव की पहचान है। फिलहाल गांव की इस पहचान की व्यवस्थाएं बेतरतीब बनी हुई हैं, कोई सुनने वाला नहीं है। बाहर से आने वाले लोग भी इसको लेकर चर्चा करते नजर आते हैं।
विजेंद्र सिंह, ग्रामीण गांव में विकास के नाम पर खानापूर्ति हुई है। अव्यवस्थाओं और अनदेखी ने इसे और बदतर बना दिया है। ऐसे में इसे विकास का नाम दिया जाना गलत है। ग्रामीणों को बेहतर विकास की उम्मीद थी।
खेमचंद, ग्रामीण ग्रामीणों को विकास चाहिए, लेकिन रास्ते व सफाई व्यवस्था ही
दुरुस्त नहीं है। विकास की उम्मीद क्या की जा सकती है। यहां तो कई बार शिकायत भी दर्ज करा चुके हैं, लेकिन सुनने वाला नहीं है।
हरी राम, ग्रामीण