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बॉर्डर पर नहीं हो पा रहा मजदूरों की लाइन का अंत

संसू मथुरा कोसीकलां में बॉर्डर पर मजदूरों की लाइन का अंत नहीं हो पा रहा है। राजस्थान और हरियाणा से गुरुवार को करीब तीन हजार मजदूर आ गए थे। इनको रोडवेज बसों से भेजा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 01:18 AM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 01:18 AM (IST)
बॉर्डर पर नहीं हो पा रहा मजदूरों की लाइन का अंत
बॉर्डर पर नहीं हो पा रहा मजदूरों की लाइन का अंत

संसू, मथुरा : कोसीकलां में बॉर्डर पर मजदूरों की लाइन का अंत नहीं हो पा रहा है। राजस्थान और हरियाणा से गुरुवार को करीब तीन हजार मजदूर आ गए थे। इनको रोडवेज बसों से भेजा रहा है। इधर, कोसीकलां अनाज मंडी में मजदूरों को ठहराने पर व्यापारियों ने अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए मंडी में संक्रमण फैलने का खतरा बताया है।

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हरियाणा से आ रहे प्रवासी मजदूरों को स्थानीय अनाज मंडी में ठहराया जा रहा है। यहां से उनको बसों से भेजा जा रहा है। खाद्यान्न विक्रेता संघ को इस पर आपत्ति है। संघ अध्यक्ष दिगंबर चौधरी ने मजदूरों को बॉर्डर पर ही रोकने और वहीं से भेजने की मांग की है। उनका कहना है कि मजदूरों से संक्रमण फैलने का खतरा है और गेहूं की खरीद का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। तहसीलदार विवेकशील को दिए ज्ञापन में व्यापारियों ने कहा कि उनकी मांग स्वीकार नहीं की तो वे मंडी बंद कर देंगे। दया पौनिया, बालकिशन दीक्षित, रामवीर सिंह, कैलाश अगरारिया, गौरव सिंह, मोहन आढ़ती, चौखे आढ़ती, बाबूलाल, प्रभात मौजूद थे। तहसीलदार का कहना है कि गुरुवार मंडी में करीब एक हजार मजदूर आ गए थे। प्रशासन के आदेश पर उनको मंडी में रोका था। सभी को उनके ठिकानों तक भेजा जा रहा है। रोडवेज कर्मचारियों का हंगामा:

मगोर्रा : राजस्थान से गुरुवार को मगोर्रा के जाजनपट्टी चौराहे पर आए करीब दो हजार मजदूरों को रोडवेज बसों से भेजा जा रहा है। बस चालक और परिचालकों के खाने की व्यवस्था नहीं होने पर बस अड्डे पर हंगामा कर अधिकारियों का घेराव किया। एआरएम रोडवेज वीके शुक्ला मौके पर पहुंच कर व्यवस्थाएं संभालीं। जानकारी पर एसडीएम गोवर्धन राहुल यादव और सीओ गोवर्धन जितेंद्र सिंह पहुंच गए। चालक और परिचालकों का आरोप था कि उनके लिए भोजन व्यवस्था नहीं की गई। खाने का इंतजाम कराए जाने पर वे बसें लेकर गए। यहां करीब तीन सौ बसें लगाई गई हैं। एसडीएम ने बताया कि करीब 10 हजार मजदूरों के आने का अनुमान है। उनको भेजने के लिए पर्याप्त बसें हैं। विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि चालक परिचालकों का आपसी विवाद हो गया था, जिसे सुलझा दिया गया है।


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