मेहमान परिदों ने बनाया नया आशियाना
27 प्रवासी तथा 20 आवासीय प्रजातियों ने डाला डेराजोधपुर झाल पर पहली बार देखने को मिला ग्रेटर फ्लेमिगो
जागरण संवाददाता, मथुरा: कीठम के बाद अब जोधपुर झाल भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनने जा रही है, क्योंकि अब यहां भी आवासीय के साथ प्रवासी पक्षियों ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि जोधपुर झाल पर पहली बार ग्रेटर फ्लेमिगो देखने को मिला है, जो अभी तक आगरा के कीठम और राजस्थान के घना पक्षी विहार में ही देखने को मिलता था।
पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय संस्था वेटलैंड्स इंटरनेशनल की ओर से पहली बार कान्हा की नगरी के वेटलैंड को शामिल किया गया है। यह संस्था माइग्रेटरी वाटर बर्ड की गणना करती है। पक्षी विशेषज्ञ डा. केपी सिंह ने बताया कि उन्होंने जोधपुर झाल पर प्रवासी जलीय पक्षियों की गणना की है। जोधपुर झाल पर उत्साहित करने वाले परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि गणना में 47 प्रजातियों की पहचान हुई, जिनमें संकटग्रस्त सूची में शामिल सात प्रजाति भी मिली। इसके अलावा 27 प्रवासी और 20 आवासीय प्रजातियों को चिन्हित किया गया। जोधपुर झाल पर कुल पक्षियों की संख्या 1179 थी। इनमें खास बात यह रही कि कीठम और राजस्थान के घना पक्षी विहार में मिलने वाला ग्रेटर फ्लेमिगो जोधपुर झाल पर मिला। जैव विविधता का अध्ययन करने वाली संस्था बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष व पक्षी विशेषज्ञ डा. केपी सिंह ने बताया कि जोधपुर झाल वेटलैंड जोधपुर झाल के नोटिफिकेशन की तैयारी चल रही है। नोटिफिकेशन के बाद जोधपुर झाल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी।
गुजरात और महाराष्ट्र की नहीं लगानी होगी दौड़
मथुरा के जोधपुर झाल को ग्रेटर फ्लेमिगो की सबसे पसंदीदा जगह बन गई है। पक्षी प्रेमी डा. केपी सिंह ने बताया कि अब अभी तक पक्षी प्रेमियों को गुजरात और महाराष्ट्र की लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी। लेकिन अब जोधपुर झाल पर मानसून के स्वच्छ पानी का संग्रह और मिट्टी में मौजूद लवणीय तत्वों में नमक की मात्रा के कारण फ्लेमिगो को भोजन की भरपूर उपलब्धता के कारण यह जगह फ्लेमिगो को रास आ रही है। यह पक्षी फोटोग्राफरों के लिए खास है।
यहां मिले है प्रवासी पक्षी
जोधपुर झाल पर मिले पक्षियों में टैमिनिक स्टिट, कामन टील, कांब डक, रेड क्रिस्टिड पोचार्ड, व्हाइट टेल्ड लेपविग, पाइड एवोसेट, वेगटेल, कामन रेडशेंक, रूफ, कामन स्नाइप, नोर्दन पिनटेल की अच्छी संख्या थी। इसके अलावा हेडेड गूज, ब्लैक टेल्ड गोडविट, नोर्दन शोवलर की संख्या सैकड़ों में पाई गई। इसके अतिरिक्त गेडवाल, स्पोटिड ईगल, मार्श हैरियर, लिटिल रिग्ड प्लोवर, कामन पिनटेल, कामन सेंडपाइपर, ग्रीन शेंक, रैड शेंक, बूली नेक्ड स्टार्क, पेंटेड स्टार्क, ब्लैक हेडेड आईबिश, ग्रे हैरोन, पर्पल हैरोन, ब्लैक बिग्ड स्टिल्ट, डार्टर, सारस क्रेन, ब्लैक नेक्ड स्टार्क आदि पक्षी देखने को मिले। डीएफओ रघुनाथ मिश्रा ने बताया कि जिले में पक्षियों की गणना की गई है, जिसमें जोधुपर झाल पर दर्जनों प्रवासी पक्षियों को चिन्हित किया गया है। जोधपुर झाल पर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी। पानी की समस्या को दूर कराया जाएगा।