छप्पन भोग की अलौकिक आभा में डूब गए श्रद्धालु
मथुरा से 21 किलोमीटर दूर गोवर्धन की गिरिराज तलहटी में हुए अलौकिक छप्पन भोग दर्शन की ऐसी आभा बिखरी कि श्रद्धालु सुध बुध खो प्रभु को एक टक निहारने को आतुर दिखे ।
जागरण संवाददाता, गोवर्धन : गोवर्धन की गिरिराज तलहटी में अलौकिक छप्पन भोग की ऐसी आभा बिखरी कि श्रद्धालु सुध बुध खो बैठे। अपलक प्रभु को एक टक निहारते रह गए।
चांदी के विराट रथ पर सवार गिरिराज प्रभु को ऐरावत हाथी खींचता दिखा। शरद शंकर मुखिया ने प्रभु के राजाधिराज शैली में चतुर्भुज रूप में श्रृंगार किए। इसे प्रभु प्रेम की दीवानगी ही कहेंगे कि घनघोर बारिश में भी गिरिराज धरण के जयकारे कम नहीं पड़े। बारिश थमी तो श्रद्धालु भावविभोर होकर नाचने लगे। इससे पूर्व ब्रज के हजारों साधु संतों ने प्रसाद लिया। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आरती उतारी। जिलाधिकारी सर्वज्ञ राम मिश्र ने दर्शन किए। इस दौरान थमे ट्रैफिक के बाद जाम के हालात हो गए, पुलिस की व्यवस्थाएं धरी रह गई। गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने कहा कि इस दुर्लभ क्षण का हर कोई साक्षी बनने को उत्सुक दिखा। ये प्रभु के प्रति सबका प्रेम है।
गिरिराज सेवा समिति के अध्यक्ष दीनानाथ अग्रवाल, महामंत्री अशोक कुमार आढ़ती कन्नू सर्राफ, दिनेश सादाबाद, राजेन्द्र सर्राफ, भगवान दास खंडेलवाल, नीरज गोयल, महावीर अग्रवाल, संजय ¨जदल, राघवेंद्र गर्ग, अमित मर्बिल, अमरनाथ गोयल, राजीव अग्रवाल आदि मौजूद रहे।