चंद्रोदय मंदिर में ठाकुरजी ने किया नौकाविहार
रण पादुकोत्सव में हरीनाम संकीर्तन में मंत्र मुग्ध हो झूमे भक्त जागरण संवाददाता वृंदावन पश्चिम बंगाल से वृंदावन पहुंचीं चैतन्य महाप्रभु की चरण-पादुका के स्वागत में आयोजित चरणपादुकोत्सव में बुधवार को दिनभर धार्मिक आयोजन हुए। राधादामोदर मंदिर में पहुंचीं चरण पादुका का दर्शन को श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा तो शाम को चंद्रोदय मंदिर के सरोवर में ठाकुरजी ने नौका विहार किया। नौकाविहार के दौरान गूंज रहे हरिनाम संकीर्तन की धुन पर भक्तों ने जमकर नृत्य किया। छटीकरा मार्ग स्थित वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में
जागरण संवाददाता, वृंदावन (मथुरा) : पश्चिम बंगाल से वृंदावन पहुंचीं चैतन्य महाप्रभु की चरण-पादुका के स्वागत में आयोजित चरणपादुकोत्सव में बुधवार को दिनभर धार्मिक आयोजन हुए। राधादामोदर मंदिर पहुंचीं चरण पादुका के दर्शन को श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा तो शाम को चंद्रोदय मंदिर के सरोवर में ठाकुरजी ने नौका विहार किया। नौकाविहार के दौरान गूंज रहे हरिनाम संकीर्तन की धुन पर भक्तों ने जमकर नृत्य किया।
छटीकरा मार्ग स्थित वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में चैतन्य महाप्रभु पादुकोत्सव के तीसरे दिन कार्तिक उत्सव में ठा. राधा वृंदावनचंद्र को मंदिर प्रांगण स्थित कल्याणी सरोवर में नौका विहार कराया। इन दुर्लभ पलों का साक्षी बनने को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर में राधा वृंदावनचंद्र का पालकी उत्सव हुआ। महोत्सव में भक्तों ने हरिनाम संकीर्तन करते हुए ठा. राधा वृंदावन चंद्र को कल्याणी सरोवर तक पहुंचाया। इसके बाद हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों को मुग्ध कर दिया।
भजन संध्या में इस्कॉन के विभिन्न केंद्रों से हजारों की संख्या में आए भक्त मौजूद रहे। भक्तों ने दामोदर अष्टकं का गायन करते हुए ठाकुर के समक्ष दीप दान किया। संस्था चैयरमैन मधु पंडित दास, अध्यक्ष चंचलापति दास, स्तोका कृष्ण महाराज, उपाध्यक्ष युधिष्ठिर कृष्ण दास, उपाध्यक्ष भरतर्षभा दास, रसराज कृष्ण दास, अनंत वीर्य दास समेत अनेक लोग मौजूद रहे। राधादामोदर में हुए चरण-पादुका के दर्शन
चैतन्य महाप्रभु की चरणपादुका चंद्रोदय मंदिर से शोभायात्रा के साथ राधादामोदर मंदिर पहुंचीं। राधादामोदर मंदिर में बुधवार सुबह से ही चरण-पादुका दर्शन के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। कार्तिक नियम सेवा करने वाले श्रद्धालुओं ने सुबह पादुका पूजन और आरती का आनंद लिया। भक्तों ने पुष्पार्चन कर चरण-पादुका के दर्शन किए। समारोह में संत, महंतों ने चरण-पादुका का पूजन किया।