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पानी की मुश्किल के बीच निविदाएं कर दीं निरस्त

जागरण संवाददाता, मथुरा: नगर निगम के जलकल विभाग ने नलकूप, सबमर्सिबल लगाने से लेकर पुरानों की मरम्मत औ

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 11:25 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 11:25 PM (IST)
पानी की मुश्किल के बीच निविदाएं कर दीं निरस्त
पानी की मुश्किल के बीच निविदाएं कर दीं निरस्त

जागरण संवाददाता, मथुरा: नगर निगम के जलकल विभाग ने नलकूप, सबमर्सिबल लगाने से लेकर पुरानों की मरम्मत और क्लोरीन आपूर्ति आदि की निकाली गई सभी निविदाएं बिना किसी ठोस कारण निरस्त कर दी हैं। ये वे काम हैं, जिनकी विभिन्न वार्डों में कई महीनों से भारी मांग चली आ रही है। गरमी के मौसम में ये काम अहम माने जा रहे थे। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर की गई है।

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जलकल विभाग ने पिछले महीने 12 निविदाएं निकाली, जो 24 मार्च से 4 अप्रैल तक आनलाइन डाली डाली गई। इनमें चार इंची से लेकर आठ और 12 इंची तक के नलकूप, सबमर्सिबल का अधिष्ठापन, पहले लगे नलकूप और सबमर्सिबल की मरम्मत, मरम्मत सामग्री और क्लोरीन आपूर्ति आदि का काम किया जाना था। इनमें से प्रत्येक निविदा में पांच से लेकर नौ निविदाएं तक आई। लेकिन विभाग ने उक्त निविदाएं मौखिक रूप से यह कहकर निरस्त कर दी कि ठेकेदार अर्हता पूरी नहीं कर रहे। इसके बाद फिर से निविदाएं भी आमंत्रित नहीं की जा रही हैं।

इन निविदाओं के निरस्त होने से उन तमाम वार्डों में पेयजल संबंधी डिमांड पूरी होने का काम रुक गया, जिनमें कई महीनों से इन कामों की भारी डिमांड बनी हुई थी। चर्चा है कि चहेते ठेकेदारों के मुकाबले अन्य की कम बिड आने के कारण इन्हें निरस्त किया गया है।

इस मामले की शिकायत पार्षद राजेश ¨पटू ने मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर दर्ज कराई है। इसमें कहा गया है कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अधिकारियों ने चहेते ठेकेदारों की फर्मो को काम न मिलते देख इन्हें निरस्त किया है। मुख्यमंत्री से उक्त टेंडर प्रक्रिया की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की गई है। इस संबंध में जलकल महाप्रबंधक मंजू रानी गुप्ता को कई बार कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया।

नगर निगम की कैबिनेट के उप सभापति हेमंत अग्रवाल का कहना है कि गरमी के मौसम में पेयजल के लिए त्राहि-त्राहि मची है। नियमों से परे जाकर निविदा निरस्त करना जनहित से खिलवाड़ है।


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