खप नहीं रहे एक करोड़ रुपये के 10 के सिक्के
पिछले एक साल से नहीं हो रहा लेनदेन, बैंकों की चेस्ट ब्रांच के पास हो गया स्टॉक
गगन राव पाटिल, मथुरा: लगभग एक साल से जिले में 10 रुपये के सिक्कों का न चलना बैंकों के लिए सिरदर्द बन चुका है। इन्हें खपाने में बैंकों के पसीने छूट रहे हैं। औसतन एक करोड़ रुपये से अधिक के सिक्के बैंकों के चेस्ट ब्रांचों में डंप पड़े हुए हैं।
पिछले एक साल से जिले में 10 का सिक्का नहीं चल रहा है। अगर होता भी है, तो बाजार में चलाने की कोशिश की जाती है, लेकिन यह कहकर लौटा दिया जाता है कि यह चलन से बाहर है। इसलिए अब न दुकानदार लेता है और ना ही ग्राहक। लोग अन्य शहरों में इसे खपाते हैं। हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से इसे बंद करने की कोई सूचना नहीं है। बल्कि आरबीआइ द्वारा कई बार कहा जा चुका है कि सिक्का चलन में है। जबकि भारतीय मुद्रा का विनिमय न करना अपराध की श्रेणी में आता है। इन सबके बावजूद समस्या जस की तस है। इसको लेकर बैंक कर्मियों से झगड़े की घटना भी कई बार सामने आ चुकी है। आरोप लगते हैं कि बैंक लेते नहीं हैं। इस पर बैंक अधिकारियों का कहना है कि बैंक लेन और देन दोनों के लिए होता है। मगर, ग्राहक 10 का सिक्का देना तो पसंद करते हैं, लेकिन लेने से इन्कार कर देते हैं। वर्जन:
आरबीआइ द्वारा कई बार अधिसूचना जारी की जा चुकी है कि 10 का सिक्का चलन में है। बैंकों द्वारा भी लेने से इन्कार नहीं किया जाता है। मुद्रा का विनिमय न होना अपराध की श्रेणी में आता है।
अनिल गुप्ता, अग्रणी जिला प्रबंधक लीड बैंक बाजार में सिक्का चलता नहीं है। ग्राहक से ले भी लें, तो बैंक जमा नहीं करते हैं। ऐसे में सिक्कों का काफी स्टॉक हो चुका था, जिसे बड़ी मुश्किल से निकाला गया।
जितेंद्र प्रजापति, दुकानदार कृष्णा नगर दुकानदार लेता नहीं है। यह समस्या कई माह से बनी हुई है। कई बार आजमाया जा चुका है। इसलिए हम अब रखते भी नहीं है। कोई देता भी है, तो मना कर दिया जाता है।
राजपाल, ग्राहक