चुनावी संवाद: पार्टी या प्रत्याशी कोई भी, होना चाहिए काम
दैनिक जागरण ने शिक्षिकाओं संग किया चुनावी संवाद शिक्षा के स्तर को उठाने पर दिया जोर
मथुरा, जासं। बच्चों का भविष्य बनाने वाली शिक्षिकाओं से दैनिक जागरण ने एक स्कूल में चुनावी संवाद किया। उनसे वर्तमान शिक्षा, रोजगार, गरीबी, क्षेत्र की व्यवस्था, फीस में कमी, साफ-सफाई, प्रदूषणमुक्त यमुना, बंदरों का उत्पात जैसे मुददे पर लंबी चर्चा की।
उन्होंने साफ कहा कि पार्टी या प्रत्याशी कोई भी हो, लेकिन उक्त मुद्दों को प्राथमिकता में रखकर कार्य करें, तभी शहर का विकास हो सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर को अभी और ऊंचा उठाने की जरूरत है। खासतौर पर निर्धन बेटियों के लिए। जो पैसों के अभाव में पढ़ नहीं पाती हैं। मौजूदा व्यवस्था नाकाफी है। जिन सरकारी स्कूलों में निश्शुल्क शिक्षा दी जा रही है, तो वहां भी उस स्तर का पढ़ाया नहीं जाता। वहीं, अच्छे विद्यालयों में फीस में रियायत देनी चाहिए। इससे शिक्षित बेटियों की संख्या में काफी इजाफा होगा। रोजगार के बिदु पर कहा कि लोगों को उनकी योग्यता के हिसाब से कार्य नहीं मिलता है। उन्हें शहर से बाहर जाकर तलाश करनी पड़ती है, जिससे उनके परिवार को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है। कायदे से शहर में ही इतना विकास होना चाहिए कि बाहर न जाना पड़े। नई इंडस्ट्री लगाई जानी चाहिए। इससे कई लोगों को शहर में ही रोजगार मिल सकेगा। साफ-सफाई और यमुना प्रदूषण का मुद्दा भी काफी अहम है। खासतौर पर यमुना मां को देखकर दिल दुखता है। वहीं, बाहर से आने वाली यात्री गलत छवि लेकर जाता है। ये है एजेंडा:
-बेटियों को सस्ती और गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले
-महिला सुरक्षा मजबूत हो
-वोकेशलन कोर्स चलाए जाएं
-फीस में रियायत मिले।
-बेरोजगारी दूर होनी चाहिए
-योग्यता के आधार पर काम मिले, न कि जाति के आधार पर
-गर्वमेंट सेक्टर में रोजगार बढ़ाया जाए
-शहर में साफ-सफाई और यमुना प्रदूषण मुक्त हो पार्टी कोई भी हो, महत्वपूर्ण यह है कि शहर की व्यवस्था सही होनी चाहिए। प्रत्याशी की ओर से घोषित किए गए प्रत्येक मुद्दे पर काम होना चाहिए।
छाया गौतम बेरोजगारी की समस्या को दूर करना आवश्यक है। शहर में इंडस्ट्री की संख्या बढ़नी चाहिए। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके।
पिकी गुप्ता लोगों को जाति के आधार पर नहीं बल्कि उनकी योग्यता के आधार पर काम मिलना चाहिए। अब देश को बदलने की सबसे ज्यादा जरूरत है।
शिवांगी भारद्वाज नारी सुरक्षा एक बड़ा मुददा है। महिलाएं और बेटियां की सफलता निर्भर करती है कानून व्यवस्था पर। इसका ठीक होना बहुत ज्यादा जरूरी है।
सुनंदा चावला