संगीत के उस्तादों ने हरिदास को किया हुनर से नमन
स्वामी हरिदास के प्राकट्योत्सव पर गुरुवार को ठा. राधासनेह बिहारी मंदिर में अभा हरिदास संगीत एवं सांस्कृतिक सम्मेलन संस्थान के हरिदास संगीत सम्मेलन व स्वामी हरिदास संगीत कला रत्न सम्मान समारोह की रंगारंग शुरूआत हुई।
जागरण संवाददाता, वृंदावन: स्वामी हरिदास के प्राकट्योत्सव पर गुरुवार को ठा. राधासनेह बिहारी मंदिर में अभा हरिदास संगीत एवं सांस्कृतिक सम्मेलन संस्थान के हरिदास संगीत सम्मेलन व स्वामी हरिदास संगीत कला रत्न सम्मान समारोह की रंगारंग शुरूआत हुई। इस मौके पर शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियां गूंजीं तो भरतनाट्यम में घुंघुरुओं की झंकार से वातावरण झंकृत हो उठा।
राधासनेह बिहारी में महोत्सव की शुरूआत प्रमुख सचिव नगर विकास निगम अनिल वाजपेई ने स्वामीजी के चित्रपट के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके की। वाजपेई ने कहा कि स्वामी हरिदास संगीत के सर्वमान्य गुरु थे। उन्होंने संगीत की रसधारा प्रवाहित कर प्रेमतत्व के प्रतिवादन के साथ संगीत साधना की। उनकी संगीत साधना से प्रसन्न होकर ही ठा. बांकेबिहारी प्रकटे।
समारोह में पहली प्रस्तुति अंजना बनर्जी ने भरनाट्यम के जरिए दी। अजय प्रसन्ना ने अपनी बांसुरी के स्वरों से संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर अपनी अंगुलियों का जादू बिखेरते अहमद खान ने जब अपनी प्रस्तुति दी तो संगीत प्रेमियों ने तालियां बजाकर उनका अभिवादन किया।
नटवर गोपाल महपतिवाला के हवेली संगीत को सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। हवेली संगीत के में तबले की थाप और गायन ने लोगों को आनंदित कर दिया। देर रात तक चले संगीत सम्मेलन में कलाकारों ने अपनी साधना से स्वामीजी को भावांजलि अर्पित की। कलाकारों व अतिथियों का स्वागत संयोजक अतुल गोस्वामी व बिहारी लाल वशिष्ठ ने किया। महंत फूलडोल बिहारी दास, स्वामी आदित्यानंद, राजकुमार शर्मा, नागेंद्र दत्त गौड़, तमाल कृष्ण दास, डॉ. उमेश शर्मा, रामविलास चतुर्वेदी, मयंक शर्मा, आनंद गोपाल मिश्र मौजूद रहे।