सुमन के आंगन में खिल रही सुपोषण की बाड़ी
गोपाल नगर में नौ साल से कुपोषण के खिलाफ अभियान चला रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
मथुरा, जासं। बच्चे उदास, सुस्त और बीमार नजर आएं तो मन का दुखी होना स्वाभाविक है। हंसता हुआ बचपन बगीचे में खिले हुए फूलों की भांति मन को आनंद देता है। बच्चे तो ईश्वर की सबसे बड़ी नियामत हैं, उसे संभालना हम सब की जिम्मेदारी है। इन शब्दों में सुमनलता की भावना निहित है।
माताएं स्वस्थ रहें और बचपन मस्त इसी वाक्य को अपना अभियान बनाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमनलता गोपाल नगर स्थित अपने आंगनबाड़ी केंद्र पर सुपोषण के फूल खिला रही हैं।
सुमन कुपोषित बच्चे ओर एनीमिक गर्भवती माताओं के घर जाकर इस बात की पूरी तस्दीक करती है कि आहार के साथ साफ-सफाई की स्थिति क्या है। खाने-पीने के बर्तन और रसोई की भी स्थिति का भी जायजा लेती हैं। गंदगी नजर आने पर तत्काल सफाई कराती हैं। सुमन के काम अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता हैं कि उनके केंद्र पर कुल 93 पंजीकृत बच्चों में से चार बच्चे रेड जोन में और छह बच्चे यलो जोन में हैं, बाकी सभी बच्चे ग्रीन जोन में हैं। 14 गर्भवती में से सिर्फ एक एनीमिक है। पिछले साल नवंबर में लखनऊ की टीम ने भी सुमन के आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण कर काम की प्रशंसा की थी।
गोपाल नगर में नौ साल से सुपोषण अभियान चला रहीं सुमनलता का कहना है कि हमारे केंद्र से जुड़ी माताएं और बच्चों के अभिभावक नि:संकोच परेशानियों को बताते हैं। हमें इस बात की खुशी होती है कि सुपोषण के प्रति जागरूक हैं। परेशानी बताना या किसी बात की शिकायत करना इस बात को दर्शाता है कि उनको मेरे काम पर भरोसा है। अगर ऐसा नहीं होता तो वह अपनी बात ही हम से नहीं कहते।