सहकारी समितियों पर हड़ताल से किसान हलकान, बुआई का संकट
किसानों ने प्रदर्शन कर दी आंदोलन की चेतावनी
सुरीर(मथुरा): सहकारी समितियों पर तालाबंदी के बाद किसानों के सामने गेहूं बुआई का संकट आ गया है। हड़ताल खत्म न होने से किसानों को खेतों की ¨चता सता रही है। आक्रोशित किसानों ने सोमवार को दिल्लूपट्टी सहकारी समिति पर प्रदर्शन कर आंदोलन की चेतावनी दी।
सहकारी समितियों पर तैनात सचिवों ने हड़ताल कर रखी है। समितियों के हजारों किसान सदस्य हैं। इन पर खाद और गेहूं का बीज वितरण होना था, लेकिन हड़ताल के चलते यह नहीं मिल पा रहा है। कुछ किसान तो मजबूरी में बाजार से खरीद कर बुआई कर रहे हैं, लेकिन तमाम किसान समितियों से खाद-बीज का इंतजार कर रहे हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं की बुआई एक से शुरू होकर 20 नवंबर तक चलती है। ऐसे में अगर हड़ताल 20 नवंबर तक चली तो किसानों को देरी से गेहूं की बुआई करनी पड़ेगी। इससे उत्पादन प्रभावित होना तय है। सोमवार को बाजना के समीप दिल्लू पट्टी समिति पर प्रदर्शन करते हुए किसानों ने चेतावनी दी कि दो दिन में खाद नहीं मिला तो भाकियू बाजना में रोड जाम करेगी। इस दौरान अजय सरपंच, दिल्लूपट्टी सरपंच ज्ञान चौधरी, ¨रकू प्रधान, सोनू प्रधान, धीरज बाबा आदि मौजूद थे। -गेहूं की बुआई का समय चल रहा है। सहकारी समितियों की हड़ताल नहीं होनी चाहिए थी। इससे किसानों के सामने बुआई का संकट आ गया है।
-सोनू प्रधान, मुड़लिया
-सहकारी समितियों पर वैसे ही किसानों को मुश्किल से खाद बीज मिल पाता है। अब समितियां बंद रहेंगी तो किसान बुआई कैसे कर पाएंगे।
-मुरारी ¨सह, भगत नगरिया
-प्रशासन को कोई विकल्प निकालना चाहिए। अगर सचिव हड़ताल पर हैं तो अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगानी चाहिए।
-संजय ¨सह, सरपंच, परसोतीगढ़ी-समय रहते किसानों को खाद और गेहूं का बीज नहीं मिला तो बुआई नहीं हो पाएगी। इससे उत्पादन भी प्रभावित होगा।
-भूपेंद्र ¨सह राजपूत, सुरीर