स्कूलों में छुट्टा पशु बंदकर किसानों ने लटकाया ताला
फसलों के नुकसान पर किसान आक्रोशित, प्रधानाचार्य देखते रहे तमाशा, छात्र भी लौटे, पुलिस की नहीं सुनी
सुरीर, मथुरा: गांव भालई के किसानों ने फसलों को उजाड़ रहे छुट्टा पशुओं को घेरकर बुधवार सुबह सरकारी प्राथमिक स्कूल में बंद कर गेट से ताला लगा दिया। छात्र भी स्कूल से बाहर निकल गए, हालांकि दोपहर तक प्रधानाध्यापक परिसर में छुट्टा पशुओं का तमाशा देखते रहे। सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों की किसानों ने एक नहीं सुनी। वे प्रशासनिक अधिकारियों के आने की मांग पर अड़ गए। शाम तक कोई प्रशासनिक अधिकारी गांव नहीं पहुंचा।
एक-एक गांव में दो से ढाई सौ तक छुट्टा पशु गाय और सांड़ घूम रहे हैं। गेहूं, सरसों, आलू और जौ की फसलों को खा रहे हैं। रात को किसान फसल ठीक-ठाक छोड़कर आता है और सुबह खेत में ठूंठ ही ठूंठ दिखाई पड़ते हैं। खेत के खेत पशु खा रहे हैं। नुकसान को किसान बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। गांव भालई के पीड़ित किसानों ने सुबह दो दर्जन से अधिक पशुओं को घेर कर स्कूल के अंदर बंद कर दिया और बाहर गेट पर ताला लटका दिया। प्रधानाध्यापक शेर ¨सह और शिक्षक भी स्कूल में अंदर थे। वे तमाशा देखते रहे गए। कुछ देर बाद सांड़ों ने स्कूल में लड़ना शुरू कर दिया। प्रधानाध्यपक की सूचना पर यूपी-100 डायल और खायरा चौकी इंचार्ज दीपक नागर गांव पहुंच गए, लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस को ताला नहीं खोलने नहीं दिया। किसान प्रशासनिक अधिकारियों के आने और पशुओं के स्थायी छुटकारा दिलाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। किसान रतन ¨सह और चंद्रपाल ने बताया कि इन पशुओं फसलों को 50 फीसद से अधिक नुकसान पहुंचाया है। प्रधान प्रतिनिधि जितेंद्र ¨सह उर्फ जीते ठाकुर ने किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन किसान प्रधान के आश्वासन से सहमत नहीं हुए।
नौहझील के गांव मुड़लिया दिल्लूपट्टी में भी किसानों ने बुधवार को खुले में घूमते पशुओं को प्राथमिक विद्यालय में बंद कर दिया।
किसान सोनू प्रधान का कहना है कि सांड़, गाय आदि जानवर फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है। प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। क्षुब्ध होकर किसानों ने घूम रहे करीब पांच दर्जन पशुओं को गांव के प्राथमिक स्कूल में बंद किया है।