Move to Jagran APP

़महिलाएं सिलाई सीखकर भर रहीं किस्मत की 'तुरपन'

सैकड़ों गरीब महिलाओं को दे चुकी है संस्था अब तक प्रशिक्षण, सिलाई मशीन देकर की जाती है काम शुरू करने में सहायता

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 11:45 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 11:45 PM (IST)
़महिलाएं सिलाई सीखकर भर रहीं किस्मत की 'तुरपन'
़महिलाएं सिलाई सीखकर भर रहीं किस्मत की 'तुरपन'

विवेक दत्त, मथुरा: कान्हा नगरी में एक संस्था गरीब महिलाओं को सिलाई सिखा उनकी किस्मत की तुरपन भर रही है। यह संस्था अब तक सैकड़़ों गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बना चुकी है। इस सद्भावना संस्था का संचालन मिशन कंपाउंड निवासी जे दयाल करती हैं। संस्था महिलाओं को सिलाई मशीन भी भेंट करती है।

prime article banner

सद्भावना संस्था की स्थापना फरवरी 1995 में तत्कालीन जिलाधिकारी केपी ¨सह की पत्नी और आकांक्षा समिति की अध्यक्ष सबर ¨सह ने की थी। उनके कहने पर महिला जे दयाल ने गरीब महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण देना शुरू किया। शुरुआत में 12 महिलाओं को सिलाई का प्रशिक्षण दिया। पहले दो-तीन साल मूल्यांकन के आधार पर पहला, दूसरा स्थान पाने वाली महिलाओं को ही सिलाई मशीन दी जाती थी। बाद में जे दयाल और उनके प्रति प्रभुदयाल ने अन्य प्रशिक्षणार्थी महिलाओं को भी सिलाई मशीनें देना शुरू किया। इस बार भी 26 दिसंबर को संस्था ने 16 सिलाई मशीनें जरूरतमंद महिलाओं को दी हैं। इनका कहना है

सिलाई का यही हुनर परिवार की रोटी का साधन है। मैं व मेरे पति दोनों ही दिव्यांग हैं। संस्था के सहयोग से ही यह संभव हुआ है।

शकुंतला, सदर काम शुरू किए हुए एक वर्ष हुआ है। सिलाई से होने वाली आमदनी से खुश हूं। काम धीरे-धीरे बढ़ रहा है।

सुनीता शर्मा, जमुनाबाग कटाई-सिलाई सिखाते

जे दयाल ने बताया कि महिलाओं को चालीस प्रकार के वस्त्रों की सिलाई-कटाई सिखाने के बाद कोर्स पूर्ण माना जाता है। कई महिलाएं अपना काम शुरू कर देती हैं तो कई ने प्रशिक्षण केंद्र शुरू कर दिए हैं। समाजसेवियों के सहयोग से गरीबी उन्मूलन व महिला सशक्तिकरण का अभियान जारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.