अपनों से मिलने की उम्मीद में चेहरे पर बिखरी चमक
साबरमती से बरेली यात्रियों को लेकर रवाना हुई स्पेशल ट्रेन 22 कोच की ट्रेन में मथुरा में बदला गया एस्कॉर्ट
संवाद सहयोगी, मथुरा : लॉकडाउन में फंसे श्रमिकों को उनके घर तक भेजने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। अभी तक बसों से ही श्रमिकों का आवागमन हो रहा था, लेकिन अब रेलवे की ओर से भी स्पेशल ट्रेनों का संचालन हो रहा है। मंगलवार की दोपहर एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन जंक्शन पहुंची। मथुरा में ट्रेन की सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट भी बदला गया, इसके बाद ट्रेन को बरेली के लिए रवाना किया गया। आंखों में अपनों से मिलने की उम्मीद में यात्रियों के चेहरों पर चमक बिखरी दिखी।
लॉकडाउन के कारण यूपी के श्रमिक विभिन्न प्रदेशों में फंसे हैं। इन श्रमिकों को सरकार उनके शहरों में भेजने की व्यवस्थाएं कर रही है। सोमवार रात 12 बजे 22 कोच की स्पेशल ट्रेन साबरमती से बरेली के लिए चली थी। यह ट्रेन जंक्शन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर सात पर मंगलवार दोपहर 1.14 बजे पहुंची। श्रमिकों ने भी रेलवे स्टाफ और सुरक्षाकर्मियों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इस ट्रेन में मथुरा में कोई यात्री न तो उतरना था और न कोई चढ़ना था। ट्रेन की सुरक्षा को लेकर आरपीएफ और जीआरपी के जवान तैनात कर दिए गए। जंक्शन पर ट्रेन का एस्कॉर्ट बदला गया। छावनी रेलवे के आरपीएफ के आठ जवान मथुरा से बरेली तक ट्रेन की सुरक्षा के लिए सवार हुए। आरपीएफ प्रभारी सीबी प्रसाद ने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन का मथुरा में एस्कॉर्ट बदला गया है।
साइकिलों से मंडी पहुंचे
600 मजदूर, खलबली
संसू, कोसीकलां : कोरोना संक्रमण के बीच अपनी फसल बेचने के लिए
तमाम उपाय कर मंडी पहुंच रहे किसानों में मंगलवार को उस समय खलबली मच गई जब वहां करीब 600 की संख्या में साइकिल सवार मजदूर पहुंच गए। यहां उन्हें भोजन के
लिए प्रशासन ने रोका था।
मंगलवार को हरियाणा व दिल्ली की ओर से करीब 600 मजदूर साइकिलों
से कोसीकलां पहुंचे। जहां प्रशासन ने अनाज मंडी में उनके ठहरने की
व्यवस्था की थी। यहां उन्हें भोजन दिए जाने की भी बात कही जा रही थी, लेकिन दोपहर तक कोई व्यवस्था वहां नजर नहीं आई। अचानक आए साइकिल सवारों की भीड़ को देखकर अनाज मंडी में अपनी फसल बेच रहे किसानों में खलबली मच गई। किसान संक्रमण से बचाव के लिए तमाम प्रयास करते नजर आए। एसपी देहात श्रीशचंद ने कहा कि राहगीरों के भोजन की व्यवस्था की जा रही है। बसों के माध्यम से इन्हें घरों तक भेजा जाएगा।
गोकुल में फंसे श्रद्धालु,
घर पहुंचने की उम्मीद
फोटो एमटीएच - 101
ब्लर्ब-
मुंबई से आए थे दर्शन करने के लिए, लॉकडाउन के कारण नहीं जा सके हैं अपने घर
संसू, महावन : मार्च में मुंबई के दो दर्जन श्रद्धालु ठाकुरजी के दर्शन करने आए थे। लॉकडाउन के कारण वे गोकुल में ही फंस गए हैं। अब श्रमिकों का आवागमन देख लग रहा है कि सरकार उनकी भी सुनेगी। भगवान से वह भी घर पहुंचने की प्रार्थना कर रहे हैं।
मुंबई से दो दर्जन श्रद्धालु 16 मार्च को ब्रज दर्शन करने आए थे। लॉकडाउन के कारण वह अब गोकुल में फंसे हैं। यह श्रद्धालु मोर वाले मंदिर, गोकुलनाथ मंदिर, जस्मिन भाई का मकान, अफ्रीका वाला गेस्ट हाउस, सियामाता भवन में ठहरे हैं। चंदन प्रभुदास सोमिया ने बताया कि वह परिवार और साथियों के साथ ब्रज दर्शन करने आए थे। गोरेगांव मुंबई की सरोज बेन, नवीनचंद्र ठक्कर, बासु बेन, प्रवीण पुजारा, सोनल शर्मा, हरिवन पुरोहित, कमलेश कुमार, लक्ष्मण, योगेश, मोहनलाल सिरोही, हर्षद भाई देसाई, बीना, इंदू बेन, राजेश, कोकिलाबेन शाह, कांदीवली पारले से भरत भाई गांधी, रमन बेन शाह, राजेंद्र शाह, नैना बेन, चंदाबेन, पुणे के द्वारिकादास धुवाल, दिनेश भाई खोणा, पूनमबेन खोणा मुंबई पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। इनका कहना है कि परिवार की याद सता रही है। ठाकुरजी उनकी प्रार्थना अवश्य सुनेंगे। गोकुल नगर पंचायत के चेयरमैन संजय दीक्षित ने बताया कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं। उनकी दवा, खाने-पीने की व्यवस्था समय-समय पर की जा रही है। सभी श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य पर भेजने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी संदेश भेजा गया है। जल्द ही इनको घर भेजने की व्यवस्था की जाएगी।