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कूड़ा प्रबंधन की सारी कोशिशें 'कूड़ा', इसमें है बड़ा खेल

न बन रही खाद, न निकल रहा तेल, एसबीएम इंफ्रा प्रा. लि. पर है सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की जिम्मेदारी

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 12:23 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 12:23 AM (IST)
कूड़ा प्रबंधन की सारी कोशिशें 'कूड़ा', इसमें है बड़ा खेल
कूड़ा प्रबंधन की सारी कोशिशें 'कूड़ा', इसमें है बड़ा खेल

मथुरा, उमेश भारद्वाज। न कचरे से खाद बन रही है और न तेल निकल रहा है। यहां क्या हो रहा है, किसी को पता नहीं। जेसीबी चल तो रही है पर कचरे को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर पटक रही है। पुरानी खाद को नए कट्टों में भर सजाकर रखा जा रहा है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कचरे के मैनेजमेंट की जगह बाकी सभी काम हो रहे हैं।

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यमुना पार नगला कोल्हू में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का संचालन एसबीएम इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। यहां खाद व ऑयल बनाने के दोनों प्लांट जंग लगे खड़े थे। एक गोदाम में पुरानी खाद भरी थी। इसे नए कट्टों में भरा जा रहा था। कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि दो दिन पूर्व ही उन्हें रखा गया है। कार्यप्रणाली के चलते कंपनी नगर निगम को मिलने वाले अंकों में कटौती करा देगी।

इस संबंध में नगर आयुक्त समीर वर्मा, सहायक नगर आयुक्त राजकुमार मित्तल और नगर स्वास्थ्य अधिकारी अजीत कुमार ¨सह को फोन मिलाया पर किसी ने नहीं उठाया। कंपनी के मैनेजर अजीत कुलश्रेष्ठ ने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। सकारात्मक जवाब को करेगा झूठा साबित

नगर निगम का दावा है कि वह सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग एकत्रित करते हैं। इसके लिए नीले और हरे रंग के हजारों डस्टबिन बांटे गए हैं। गाड़ियां भी अलग-अलग कूड़ा लाती हैं। वहीं प्लांट में गीला और सूखा कूड़ा अलग रखने तक की व्यवस्था कंपनी शुरू नहीं कर पाई है। जबकि स्वच्छता को लेकर वो¨टग शुरू हो गई है। वो¨टग में जनता से पूछा जाएगा कि उन्हें गीला और सूखा कचरे के प्रबंधन की जानकारी है। सकारात्मक जवाब से निगम को अंक भले मिल जाएं पर कंपनी उन्हें झूठा साबित कर देगी। दिखावा दुरुस्त

किचिन, ऑफिस, अफसरों और टॉयलेट पर नई तख्तियां लगाई गईं हैं। हालांकि कक्ष सभी खाली पड़े हैं। होर्डिंग लगाने पर कंपनी का जोर है तो डस्टबिन बांटने के नाम खेल किया जा रहा है। शुक्रवार को भी सौ डस्टबिन बांट दिए गए। कचरे की छंटाई तक शुरू नहीं

दावा किया जा रहा है कि नगला कोल्हू में बने कचरे के पहाड़ों को समाप्त किया जाएगा। इसमें बेतहाशा प्लास्टिक भरी है। कंपनी ने अभी तक छंटाई शुरू नहीं कराई है। प्लांट में करनी पड़ेगी मशक्कत

यहां लगे खाद बनाने के प्लांट को चालू करने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। कारण पुराना प्लांट जर्जर और जंग खा चुका है। जेनरेटर भी लगा है पर वर्षों से बंद है।


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