चुनावी कार्यालयों पर इतना सन्नाटा क्यूं है भाई..
हार के बाद कांग्रेस और गठबंधन के कार्यालय पर छाई खामोशी हेमा के यहां जश्न मनाने उमड़े लोग
मथुरा, जासं। शोले फिल्म का एक चर्चित डायलॉग है, इसमें अभिनेता एके हंगल ने कहा था कि 'इतना सन्नाटा क्यूं है भाई।' ये पंक्तियां इस समय लोकसभा चुनाव में हारे विपक्षी खेमे में सटीक बैठ रही हैं। कांग्रेस और गठबंधन के कार्यालय पर शुक्रवार को सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि ये हाल तो बीजेपी के शहर और जिला कार्यालय पर भी दिखा, लेकिन जश्न मनाने वालों का तांता लगातार हेमा मालिनी के वृंदावन स्थित घर पर उमड़ रहा था।
गुरुवार को लोकसभा चुनावों के नतीजों ने सब स्पष्ट कर दिया। परिणाम के बाद जश्न और खामोशी का माहौल तो तभी बन गया था। शुक्रवार को भी जागरण की टीम को ऐसा ही माहौल दिखा। एटीवी नगर स्थित कांग्रेस से प्रत्याशी महेश पाठक के कार्यालय पर सन्नाटा पसरा हुआ था। प्रचार के दौरान रोजाना कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी रहती थी। कार्यालय में पार्टी के ही तीन-चार लोग बैठे थे। उन्होंने बताया कि महेश पाठक पूजा कर रहे हैं। पार्टी के मुख्य अभिकर्ता राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि हार के बाद तनाव तो है, लेकिन यह सब जिदगी का हिस्सा है। कुछ दिनों बाद कार्यकर्ताओं के साथ मंथन किया जाएगा। इधर, होली गेट स्थित शहर कांग्रेस कमेटी कार्यालय भी कोई नहीं था।
वहीं हेमा मालिनी को टक्कर देने वाले गठबंधन से प्रत्याशी रहे कुंवर नरेंद्र सिंह के डेंपियर नगर स्थित निवास पर पहुंचे। वहां नरेंद्र पार्टी के कुछ पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ हार पर मंथन कर रहे थे। यहां कुछ लोग उन्हें सांत्वना भी देने आए थे। उनसे हार का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि शायद नसीब में नहीं था। आगे चलकर हार का विश्लेषण करेंगे। इसके बाद बारी आई विजयी भाजपा के जुबली पार्क स्थित शहर और पुष्पांजलि उपवन के जिला कार्यालय की। सन्नाटा तो यहां भी था, लेकिन यहां जश्न मनाने वाली लोग वृंदावन स्थित हेमा मालिनी के घर पहुंच रहे थे।
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