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ShriKrishna Janambhoomi Case: मथुरा कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर तीसरा केस दायर, 22 को होगी सुनवाई

ShriKrishna Janambhoomi Caseश्रीकृष्ण विराजमान के बाद भगवान केशवदेव ने मथुरा की सिविल जज सीनियर की अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनकी ओर से अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह राजेंद्र माहेश्वरी के साथ यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और धर्म रक्षा संघ ने अदालत में दावा दाखिल किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 24 Dec 2020 10:59 AM (IST)Updated: Thu, 24 Dec 2020 11:28 AM (IST)
ShriKrishna Janambhoomi Case: मथुरा कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर तीसरा केस दायर, 22 को होगी सुनवाई
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर याचिका दायर

मथुरा, जेएनएन। अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का रास्ता सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद खुलने के बाद अब भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में मंदिर से सटी शाही मस्जिद का प्रकरण तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में अब तक तीन केस कोर्ट में दर्ज हो चुके हैं।तीसरा केस बुधवार को ठाकुर केशव देव महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशवदेव समेत पांच लोगों ने दायर किया है। इस केस पर सुनवाई 22 जनवरी को होगी।

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मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर दायर याचिका में कहा गया है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता अवैध है। इसके साथ ही शाही मस्जिद ईदगाह को हटाकर जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग रखी गई है। सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा भनौदिया की अदालत में बुधवार को ठाकुर केशव देव महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशव देव, शहादरा दिल्ली निवासी यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अध्यक्ष जय भगवान गोयल, धर्म रक्षा संघ के अध्यक्ष सौरभ गौड़, अधिवक्ता राजेंद्र माहेश्वरी और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने वाद दायर किया। इसमें कहा गया है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के बीच हुआ समझौता अवैध है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान की पूरी 13.37 एकड़ भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर है, ऐसे में सेवा संघ (अब श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान) को समझौता करने का अधिकार नहीं है। शाही मस्जिद ईदगाह को हटाकर जमीन ट्रस्ट को सौंपी जाए। शाही मस्जिद ईदगाह की इंतजामिया कमेटी, यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड आफ वक्फ, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को प्रतिवादी बनाया गया है। बुधवार को वादी पक्ष को सुनने के बाद अदालत में अगली सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है। अब सुनवाई के बाद अदालत यदि इस केस को चलने लायक मानेगी, तो फिर सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए जाएंगे।

श्रीकृष्ण विराजमान के बाद भगवान केशवदेव ने मथुरा की सिविल जज सीनियर की अदालत का दरवाजा खटखटाया है। उनकी ओर से अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह, राजेंद्र माहेश्वरी के साथ यूनाइटेड हिंदू फ्रंट और धर्म रक्षा संघ ने अदालत में दावा दाखिल किया है। इसमें 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक मांगा गया है। इस संबंध में बुधवार को सीनियर सिविल जज की अदालत में केस दर्ज हो गया। अदालत में केस संख्या 950/2020 पर दावा दर्ज कर लिया गया है।

ठाकुर केशव विराजमान मंदिर कटरा केशवदेव मौजा बांगर ने वादी के रूप में बुधवार को सीनियर सिविल जज नेहा बनोदिया की अदालत में दावा दाखिल कराया। इसमें कहा गया कि मूलवाद संख्या 43 सन 1967 श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही ईदगाह मस्जिद राजीनामा के आधार पर 12 अक्तूबर 1968 से ही शून्य थी। जिसके आधार पर प्रतिवादीगण इंतजामिया कमेटी शाही ईदगाह के सचिव और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष/चेयरमैन लखनऊ का 13.37 एकड़ जमीन पर, जो कि कटरा केशवदेव की है, कोई हक नहीं है।

दावे में अपील की गई है कि कटरा केशवदेव की उक्त जमीन पर जहां श्रीकृष्ण के जन्मस्थल का कारागार रहा, जिस पर भगवान केशवदेव का मंदिर स्थित रहा, उससे कथित अजनान शाही मस्जिद ईदगाह को हटाकर उसका नियंत्रण भगवान केशवदेव के लिए उनके साथ अन्य वादीगण को सौंप दें या फिर इस संपत्ति को न्यायालय की ओर से निर्धारित अथॉरिटी को सौंप दिया जाए।

मथुरा में इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर दो केस और दर्ज हैं। भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह के मामले में हिंदू आर्मी की ओर से सिविल जज की कोर्ट में एक हफ्ते पहले के केस पर चार जनवरी को सुनवाई होनी है। हिंदू आर्मी का चीफ बताने वाले मनीष यादव ने खुद को भगवान श्रीकृष्ण का वंशज बताते हुए कोर्ट में दावा पेश किया है। इस केस में दावा किया गया है कि वर्ष 1967 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की जमीन को लेकर शाही ईदगाह के साथ हुए समझौते को रद्द कर ईदगाह को ध्वस्त करके उस जमीन को कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को वापस करने की मांग की है। पहले इस केस पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह के मामले में हिंदू आर्मी द्वारा सिविल जज (प्रवर वर्ग) की अदालत में एक सप्ताह पहले दी गई अर्जी पर चार जनवरी को सुनवाई होनी है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाली लखनऊ की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री आदि आधा दर्जन भक्तों ने भगवान की ओर से याचिका दाखिल कर यही मांगें मथुरा की कोर्ट में रखी थीं। उन्होंने उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन, शाही ईदगाह मैनेजमेंट कमेटी के सचिव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के प्रबंधक न्यासी और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव को इस मामले में प्रतिवादी बनाया था। 

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