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बांकेबिहारी की नगरी से सियासी ताप नापने निकले शिवपाल

101 ब्राह्मणों के शंखनाद से सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा शुरूठाकुर बांकेबिहारी की देहरी पूजन कर लिया आशीर्वाद

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 06:15 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 06:15 AM (IST)
बांकेबिहारी की नगरी से सियासी ताप नापने निकले शिवपाल
बांकेबिहारी की नगरी से सियासी ताप नापने निकले शिवपाल

संवाद सहयोगी, वृंदावन: विधानसभा चुनाव नजदीक देख हर दल चुनाव की तैयारी में व्यस्त है। सपा मुखिया अखिलेश यादव कानपुर से रथ यात्रा लेकर चले तो चाचा शिवपाल सिंह यादव भी सियासी तापमान लेने निकल पड़े हैं। वृंदावन से मंगलवार को उन्होंने सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा शुरू की। ठाकुर बांकेबिहारी की पूजा के बाद 101 ब्राह्मणों के शंखनाद के बाद यात्रा रवाना की गई। सात चरणों की इस यात्रा का पहला चरण औरैया जिले में पूरा होगा।

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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल सिंह यादव सोमवार शाम को वृंदावन पहुंच गए थे। मंगलवार सुबह वे समर्थकों के साथ बांकेबिहारी मंदिर पहुंचे। मंदिर के द्वार पर 101 ब्राह्मणों ने शंखनाद किया। मंत्रोचारण के मध्य उन्होंने देहरी पूजन कर परिक्रमा की। पत्रकारों से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि रथयात्रा सामाजिक परिवर्तन के लिए है। जनता सत्ता परिवर्तन में सहयोग करे। सपा से गठबंधन के बारे में कहा कि राजनीति में बहुत संभावनाएं हैं। मेरे ऊपर नेता जी (मुलायम सिंह ) का आशीर्वाद है और रहेगा।

यात्रा से पहले सौ शैया तिराहा पर एक सभा में उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर आगे निर्णय लिया जाएगा। मजबूत निर्णय लेने में विफलता का ही कारण है कि आज प्रदेश में अराजकता का माहौल है। एक साल से किसान आंदोलन कर रहे हैं। शिवपाल यादव के बेटे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने भी सभा को संबोधित किया। रथ में शिवपाल यादव और आदित्य सवार हुए। इसके पीछे गाड़ियों का लंबा काफी चला। शिवपाल से मिले कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम, गदा भेंट की

संवाद सहयोगी, वृंदावन: रथयात्रा शुरू होने से पहले यहां पहुंचे कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने शिवपाल सिंह यादव को गदा भेंट की। कहा, शिवपाल से निजी संबंध होने और कल्कि आश्रम से उनके जुड़ाव के चलते वह शुभकामना देने वृंदावन आए हैं। प्रमोद कृष्णम मंच पर नहीं चढ़े। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में जनता दुखी है। किसानों को कुचला जा रहा है। जिन नेताओं पर जिम्मेदारी थी, वह कहीं नजर नहीं आ रहे। सड़क पर या तो प्रियंका नजर आ रहीं हैं या शिवपाल। राजनीति संभावनाओं का क्षेत्र है। समान विचारधारा के लोग एक साथ आएं, तो प्रदेश की मौजूदा सरकार को 2022 में उखाड़ फेंकना संभव है। उन्होंने कहा गठबंधन भविष्य तय करेगा। लखीमपुर खीरी प्रकरण में कहा, बीमारी की जड़ अजय मिश्रा नहीं अमित शाह हैं।


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