Banke Bihari Mandir: बुजुर्ग-बीमार और बच्चों को मंदिर न लाने की सलाह, आज शाम से वाहनों की नो एंट्री
Sharad Purnima पर ठा. बांकेबिहारी साल में एक ही दिन महारास की मुद्रा में वंशी बजाते हुए भक्तों को दर्शन देते हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ का आकलन करते हुए मंदिर प्रबंधन ने दर्शन का समय बढ़ाया है। श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।
मथुरा-वृंदावन, जागरण टीम। शरद पूर्णिमा पर ठा. बांकेबिहारी महारास की मुद्रा में वंशी बजाते हुए चंद्रमा की धवल चांदनी में भक्तों को दर्शन देंगे। वर्ष में एक ही दिन आराध्य मुरली बजाते हुए दर्शन देते हैं। ऐसे में देश-दुनिया के लाखों श्रद्धालु वृंदावन में डेरा डालेंगे। नौ अक्टूबर को शरद पूर्णिमा से पहले प्रशासन ने श्रद्धालुओं को वाहनों के जाम से मुक्ति को ट्रैफिक व्यवस्था बदली है।
शुक्रवार रात से चार पहिया वाहनों एंट्री प्रतिबंधित
शरद पूर्णिमा पर वाहनों की नो एंट्री लागू करने के निर्णय पर सीओ सदर प्रवीण मलिक ने बताया, शुक्रवार रात नौ बजे बाद वृंदावन में चार पहिया वाहनों की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित रखी जाएगी।
- छटीकरा की ओर से आने वाले बड़े वाहनों को वैष्णों देवी पार्किंग तथा छोटे चार पहिया वाहनों को रुक्मिणी विहार की मल्टीस्टोरी पार्किंग में खड़ा कराया जाएगा।
- यमुना एक्सप्रेस-वे से आने वाले वाहनों को दारुक पार्किंग, पर्यटक सुविधा केंद्र में खड़ा कराया जाएगा।
- मथुरा से आने वाले वाहनों को सौ शैया के सामने पार्किंग में खड़ा कराया जाएगा।
- सुनरख मार्ग व नगला रामताल से आने वाले वाहनों को षट शिखर मंदिर के समीप पार्किंग में खड़ा कराया जाएगा।
- शहर में वाहनों की नो एंट्री 9 अक्टूबर की रात तक रहेगी।
शरद पूर्णिमा पर भक्तों के स्वागत को तीर्थ नगरी तैयार
प्रबंधन ने भीड़ का दबाव होने के कारण बुजुर्ग, बीमार और बच्चों को मंदिर लाने से बचने की सलाह श्रद्धालुओं को दी है। तीर्थनगरी के विभिन्न मंदिरों में शरद पूर्णिमा उत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आश्रमों में भी श्रद्धालुओं ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। ठा. बांकेबिहारीजी साल में एक ही दिन शरद पूर्णिमा पर 9 अक्टूबर को महारास की मुद्रा में वंशी धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे।
साल में एक बार होते हैं दर्शन
मोर-मुकुट, कटि-काछनी, हीरे-मोती और जवाहरात धारण किए ठा. बांकेबिहारी जी श्वेत पोशाक में चांदी के सिंहासन पर विराजमान होकर मंदिर के जगमोहन में दर्शन देंगे, तो आसमान से चंद्रमा की धवल चांदनी उनके ऊपर पड़ेगी। ये विलक्षण दर्शन साल में एक ही दिन शरद पूर्णिमा की रात होते हैं। श्रद्धालुओं ने शरद पूर्णिमा पर होटल, गेस्टहाउसों में अपनी बुकिंग शुरू करवा दी है।
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यहां भी होंगे महारास के आयोजन
कृष्णकृपा धाम में तीन दिवसीय शरदोत्सव परिक्रमा मार्ग स्थित श्रीकृष्ण कृपा धाम में तीन दिवसीय शरदोत्सव 7 से 9 अक्टूबर तक महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य आयोजित होगा। शरद उत्सव में धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होने को श्रद्धालुओं ने डेरा डालना शुरू कर दिया है। महोत्सव की शुरुआत 7 अक्तूबर की दोपहर 3.30 बजे होगा, उत्सव में संत-विद्वत सम्मेलन में संत मौजूद रहेंगे।
8 अक्टूबर को दोपहर 3.30 बजे से महामंडलेश्वर कार्ष्णि स्वामी गुरुशरणानंद महाराज की अध्यक्षता में संत-विद्वत सम्मेलन, 9 अक्टूबर को सुबह 5 बजे से वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा करेंगे श्रद्धालु परिक्रमा मार्ग पर सफाई अभियान श्रीकृष्ण कृपा धाम के भक्त परिकर द्वारा चलाया जाएगा।