मौसम का मिजाज देख घबराए किसान
गुरुवार को बादल छाए रहने और ठंडी हवा चलने से किसान घबराए रहे। उन्हें अपनी सरसों और आलू की फसल की ¨चता सताती रही। क्योंकि इस समय सरसों और आलू की फसल पकने के कगार पर है। ऐसे में बारिश होना नुकसानदायक हो सकता है। आलू और सरसों की फसल करने वाले किसान चाहते हैं कि अब बारिश न हो, अन्यथा फसलें बर्बाद हो जाएंगी।
मथुरा: गुरुवार को बादल छाए रहने और ठंडी हवा चलने से किसान घबराए रहे। उन्हें अपनी सरसों और आलू की फसल की ¨चता सताती रही। क्योंकि इस समय सरसों और आलू की फसल पकने के कगार पर है। ऐसे में बारिश होना नुकसानदायक हो सकता है। आलू और सरसों की फसल करने वाले किसान चाहते हैं कि अब बारिश न हो, अन्यथा फसलें बर्बाद हो जाएंगी।
जिले में 51 हजार हेक्टेअर एरिया में सरसों की फसल है और दो लाख चार हजार हेक्टेअर में गेहूं और 15 हजार 150 हेक्टेअर एरिया में सरसों की फसल खड़ी है। धानातेजा निवासी किसान दिगम्बर ¨सह, विष्णु, अम्मूलाल, ओमप्रकाश, जगपाल आदि का कहना है कि अगाई सरसों की फसल पकने के कगार पर है। फली बन चुकी है और पकने पर है। जबकि पिछाई सरसों की फसल में फली बन रही है। सरसों की फसल की दो बार ¨सचाई हो चुकी है। अब तो फली के पकने का इंतजार है। ऐसे में अगर बारिश होती है तो फली के दाने पर दुष्प्रभाव होगा। दाना छोटा रह जाएगा। इससे उत्पादन पर विपरीत असर होगा। इससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा। इसलिए किसान छाए बादलों को देख परेशान हैं।
जिला कृषि अधिकारी रामतेज यादव का कहना है कि जो फसल पकने की ओर से हैं, उनमें अब बारिश से नुकसान हो सकता है। फिलहाल गेहूं की फसल में बारिश से कोई नुकसान नहीं है। जबकि सरसों और आलू की फसल पकने की ओर है।
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इतना एरिया है इन फसलों का
सरसों- 51 हजार हेक्टेयर
आलू-15 हजार 150 हेक्टेयर
गेहूं-दो लाख चार हजार हेक्टेयर