संत समागम में संयासियों ने भी शामिल होने का किया एलान
जूना अखाड़ा के प्रवक्ता स्वामी नारायण गिरी पहुंचे मेला स्थल वैष्णव संत बोले अभी संन्यासियों के शामिल होने पर नहीं लिया निर्णय
संवाद सहयोगी, वृंदावन: हरिद्वार कुंभ से पहले वृंदावन में 16 फरवरी से शुरू हो रहे संत समागम में परंपरा के अनुसार वैष्णव संत ही शामिल होते रहे हैं। लेकिन इस बार संन्यासियों ने भी शामिल होने का एलान कर दिया। जिससे वैष्णव साधकों में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। शनिवार को जूना अखाड़ा के प्रवक्ता ने मेला स्थल का निरीक्षण कर तैयारियों का जायजा लिया और जूना अखाड़ा के 13 के शामिल होने का एलान किया।
जूना अखाड़ा के प्रवक्ता स्वामी नारायण ने संत समागम क्षेत्र में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा जो अखाड़े का नाम दिया गया है, इसमें 13 अखाड़े शामिल हैं। अखाड़ा परिषद की बैठक हुई थी। चूंकि हरिद्वार इस समय उत्तराखंड में चला गया। वृंदावन में कुंभमेला घोषित किया गया है। तो निश्चित रूप से सभी 13 अखाड़े शामिल होने जा रहे हैं। महामंडलेश्वर नवल गिरि साथ में मौजूद रहे।
जब संन्यासी और वैष्णव संतों का हुआ आमना सामना
जूना अखाड़ा के प्रवक्ता स्वामी नारायण जब संत समागम क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे थे, उसी दौरान चतु:संप्रदाय महंत फूलडोल बिहारीदास वैष्णव साधकों के साथ तैयारियों का जायजा लेने पहुंच गए। इस दौरान संयासी और वैष्णवों का आमना सामना हुआ। संत समागम में शामिल होने का दावा जब जूना अखाड़ा के प्रवक्ता स्वामी नारायण ने किया तो कुछ वैष्णव संतों ने इसका विरोध किया और परंपराओं का हवाला देते हुए संन्यासियों से वैष्णव संतों के अखाड़ों में ही प्रवास करने का सुझाव दिया। न कि अलग से शिविर लगाने का। लेकिन जब जूना अखाड़ा के संत न माने तो महंत फूलडोल बिहारी दास ने मामले में सभी वैष्णव साधकों से वार्ता कर निर्णय लेने की बात कही।