संतों ने की यमुना में शुद्ध पानी छोड़ने की मांग
संतों व समाज सेवियों ने रविवार को लगातार तीन दिन मृत मिले जलचरों की घटना के बाद यमुना के पानी का जायजा लिया और शासन से यमुना जल शुद्ध रखने की मांग की। जुगल घाट पर धर्म रक्षा संघ और यमुना रक्षक दल के आह्वान पर संत समाज और सामाजिक कार्यकर्ता यमुना किनारे पहुंचे। महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद ने कहा कि यमुना में स्वच्छ जल के लिए लंबे समय से आंदोलन चलाया जा रहा है, लेकिन न तो केंद्र सरकार और न ही प्रदेश सरकार पर इसका कोई असर दिखाई दे रहा। आंदोलन के दौरान किए अपने वादे भी सरकार भूल गई
जागरण संवाददाता, वृंदावन: संतों व समाज सेवियों ने रविवार को लगातार तीन दिन मृत मिले जलचरों की घटना के बाद यमुना के पानी का जायजा लिया और शासन से यमुना जल शुद्ध रखने की मांग की।
जुगल घाट पर धर्म रक्षा संघ और यमुना रक्षक दल के आह्वान पर संत समाज और सामाजिक कार्यकर्ता यमुना किनारे पहुंचे। महामंडलेश्वर स्वामी भास्करानंद ने कहा कि यमुना में स्वच्छ जल के लिए लंबे समय से आंदोलन चलाया जा रहा है, लेकिन न तो केंद्र सरकार और न ही प्रदेश सरकार पर इसका कोई असर दिखाई दे रहा। आंदोलन के दौरान किए अपने वादे भी सरकार भूल गई है।
महंत मोहिनी बिहारी शरण ने कहा कि कार्तिक का पवित्र महीना चल रहा है और हजारों श्रद्धालु वृंदावन में कार्तिक नियम सेवा कर प्रतिदिन भोर में यमुना स्नान व पूजन कर रहे हैं। बावजूद इसके यमुना में जहरीला पानी छोड़कर जलचरों की हत्या कर दी गई। इससे पूर्व संतों और समाजसेवियों ने अखंड दया धाम में बैठक कर सरकार से यमुना में शुद्ध जल प्रवाहित करने की मांग की। सौरभ गौड़, आचार्य बद्रीश, श्रीदास प्रजापति, तुलसी स्वामी, सुधीर शुक्ला, राजकिशोर भारती, कािर्ष्ण नागेंद्र दत्त, स्वामी कृष्ण बलराम, स्वामी सदानंद, स्वामी रमणरेती महाराज, रमेश सिसौदिया, रमण बिहारी गौतम, रविकांत गौतम आदि मौजूद रहे।