ट्रेनों की सुरक्षा बनती जा रही है चुनौती
निजामुद्दीन-त्रिवेंद्रम सुपरफास्ट एक्सप्रेस मामला अभी तक दो अन्य चोरियों का नहीं लिया गया है संज्ञान
मथुरा, जागरण संवाददाता। शनिवार तड़के निजामुद्दीन-त्रिवेंद्रम सुपरफास्ट एक्सप्रेस में बदमाश के भागने की यह पहली घटना नहीं हैं। कितनी ही घटनाओं के मामले तक दर्ज नहीं हो रहे हैं। यह घटना मां-बेटी की मौत होने के कारण सुर्खियां बन चुकी है, जबकि इसी ट्रेन में हुई दो अन्य चोरियों का संज्ञान तक नहीं लिया गया है।
मथुरा से गुजरने वाली 150 ट्रेनों में से केवल चालीस फीसद ट्रेनों में ही सुरक्षा कर्मी रहते हैं। मथुरा जीआरपी स्टाफ करीब एक दर्जन ट्रेनों में और आरपीएफ स्टाफ केवल मथुरा-अलवर पैसेंजर में चलता है। ट्रेनो में सुरक्षा के अभाव बदमाशों के लिए वरदान साबित होता है और चेन पुलिग कर फरार हो जाते हैं। शनिवार को भी निजामुद्दीन-त्रिवेंद्रम सुपरफास्ट एक्सप्रेस में भी यही हुआ है। इस ट्रेन के एस-6 और एक अन्य कोच में हुई चोरी का संज्ञान नहीं लिया गया है, कयास यही लगाए जा रहे हैं कि सभी चोर प्लानिग के तहत एक ही स्थान पर कूदे हैं और फरार हो गए हैं। फरार होने में बाहर से भी मदद मिली है। जीआरपी एसपी जोगेन्द्र कुमार सिंह का कहना है कि ट्रेन और प्लेटफार्म पर सुरक्षा को पुख्ता किया जाएगा।
हथकड़ी सहित भाग गया था बदमाश
अगस्त 2017 में भी इंदौर इंटरसिटी से अरशद उर्फ राणा निवासी विशंभरा थाना शेरगढ़ छाता के निकट फरार हो गया था। उज्जैन पुलिस आरोपित को लेकर फरीदाबाद जा रही थी। जीआरपी ने पकड़ने के लिए मुनादी भी कराई, लेकिन अभी तक बदमाश पकड़ में नहीं आया है।
टीटीई से भी चेकिग में हुई चूक
दिल्ली से चलने के बाद निजामुद्दीन-त्रिवेंद्रम सुपरफास्ट एक्सप्रेस मथुरा में रुकती है। आरक्षण कोचो में बिना यात्री का होना कहीं न कहीं टीटीई की चेकिग में चूक को साबित करता है। टीटीई के सही तरीके से कोच चेक करने पर संदिग्ध पकड़े जा सकते थे।