Move to Jagran APP

सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा तो भीड़ हिसा जैसी घटनाओं पर लगेगा अंकुश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक सद्भाव गतिविधि प्रकल्प की बैठक के पहले दिन हुए चार सत्र

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 12:10 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 12:10 AM (IST)
सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा तो भीड़ हिसा जैसी घटनाओं पर लगेगा अंकुश
सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा तो भीड़ हिसा जैसी घटनाओं पर लगेगा अंकुश

मथुरा, जासं। भीड़ हिसा की बढ़ती घटनाओं से संघ भी चिंतित है। समाज में चौड़ी हो रही खाई कहीं न कहीं ऐसी घटनाओं के लिए दोषी है। असहिष्णुता से जोड़ एक वर्ग भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार पर उसका दोष मढ़ देता है। ऐसे आरोपों का जवाब समाज में व्याप्त जातिवाद की खाई को पाट कर ही दिया जा सकता है। सामाजिक ताने-बाने को मजबूत बनाने के लिए प्रयासों को और गति देनी होगी। वृंदावन स्थित वात्सल्य ग्राम में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामाजिक सद्भाव गतिविधि प्रकल्प की चार सत्र में हुई बैठकों में प्रतिनिधियों को यही संदेश दिया गया।

loksabha election banner

दो दिवसीय बैठकों के पहले सत्र में सर संघचालक मोहन भागवत, सर कार्यवाह भय्याजी जोशी और सह सर कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने राष्ट्रीय, क्षेत्र और प्रांत प्रतिनिधियों से परिचय प्राप्त किया।

अन्य दो सत्रों में भय्याजी जोशी और डॉ. कृष्ण गोपाल ने प्रतिनिधियों को सामाजिक सद्भाव बढ़ाने के कार्य को गति देने की दिशा में बढ़ने के मंत्र दिए। बताया गया कि सैकड़ों सालों की गुलामी के कारण लोगों के मन में कई तरह के भेदभाव हैं। समय-समय पर इसके चलते कई समस्याएं सामने आती रहती हैं। कई बार तो समस्या इतनी विकराल हो जाती है कि वह राष्ट्रीय फलक पर छा जाती है। ऐसी विषम स्थितियों से बचना है। संघ का हमेशा से मानना है कि सद्भाव सिर्फ जातियों ही नहीं पंथ और संप्रदायों के बीच भी कायम होना चाहिए। यह तभी हो पाएगा जब जाति, पंथ और वर्ग भेद भूल समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति के विकास का प्रयास होगा। सरकार आती-जाती रहती हैं। वह अपने स्तर से प्रयास करेगी लेकिन, अंत्योदय के लिए कार्यकर्ता को सतत काम करना है। हमें वनवासी के पास भी जाना है तो शहरी क्षेत्र के लोगों भी सदभाव का भाव पैदा करना है। संघ समाज को जोड़ने में विश्वास रखता है न कि तोड़ने में। संघ की विचारधारा समग्र समाज अंगीकार करेगा तभी संगठन का उद्देश्य साकार होगा।

चौथे सत्र में देश भर से आए प्रतिनिधियों से उनके क्षेत्रों से जुड़े कार्याें के अनुभव जाने। वनवासी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने कई जटिल समस्याएं बताई। इसका मंच पर मौजूद संघ नेताओं ने निराकरण किया।

दो दिवसीय कार्यक्रम में कुल आठ सत्र होने हैं। शेष चार सत्र रविवार को होंगे। समापन सत्र को संघ प्रमुख मोहन भागवत संबोधित करेंगे।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.