महागठबंधन में भी मथुरा सीट से चुनाव लड़ेगा रालोद
पश्चिमी यूपी में अपने खोए वजूद को हासिल करने के लिए सजाई फी¨ल्डग
जागरण संवाददाता, मथुरा: राष्ट्रीय लोकदल ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपनी खोई राजनीतिक ताकत को हासिल करने को फी¨ल्डग सजा दी है। हल्ला बोल-पोल खोल के जरिए जमीनी मुद्दों को उठाकर महागठबंधन को जाटलैंड में पार्टी की मजबूत पकड़ का भी अहसास करा रही है। आगरा, अलीगढ़ की जनसभाएं के बाद मंगलवार को हाथरस और शुक्रवार को मथुरा में जयंत चौधरी लोकसभा सीट से पार्टी की टिकट की दावेदारी पक्की कर देंगे। हालांकि जयंत ने साफ कर दिया कि महागठबंधन होने पर भी रालोद मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगा।
राजनीतिक कमजोरी के कारण रालोद से उसके मतदाता छिटकते चले गए। इससे पहले मथुरा, आगरा, हाथरस और अलीगढ़ समेत पश्चिमी यूपी में रालोद का एक अलग ही वजूद था। गोकुल वर्तमान में बलदेव विधान सभा को मिनी छपरौली माना जाता था। इसलिए चौधरी चरण ¨सह ने अपनी धर्मपत्नी डॉ. गायत्री देवी को चुनाव उतारा। उसके बाद लोकसभा में उनकी पुत्री डॉ. ज्ञानवती चुनाव लड़ी। दोनों चुनाव में हार गई, लेकिन रालोद के मत फीसद में कोई कमी नहीं आई। पिछले विधानसभा चुनाव में गोवर्धन से रालोद जीता। पिछले लोकसभा चुनाव में जयंत चौधरी भारी बहुमत से चुनाव जीते, मोदी लहर में रालोद हार गया था। सोमवार को दैनिक जागरण से हुई बातचीत में रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने स्वीकार भी किया कि पार्टी नेताओं की इमेज खराब नहीं है, लेकिन राजनीतिक कमजोरी से ही उनका समर्थक उनसे छिटक गया। अब उनको पार्टी से जोड़ने के लिए उन्हीं की समस्याओं को मुद्दा बना कर आंदोलन किया जा रहा है। यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। उसका वह निर्वाह भी कर रहे हैं। जयंत चौधरी ने कहा कि पश्चिमी यूपी में रालोद का जो वजूद था, वह उसको आगामी चुनाव में हासिल कर लेगा। इसके साथ ही मथुरा लोकसभा से पार्टी उम्मीदवार उतारने को लेकर तस्वीर साफ कर दी। कहा कि महागठबंधन में भी रालोद मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेगा।