नकारात्मक ऊर्जा परिवर्तित करता है संतों का सान्निध्य
जागरण संवाददाता, वृंदावन: संतों और आचार्यों के सान्निध्य में जाने से उनकी सकारात्मक ऊर्जा,
जागरण संवाददाता, वृंदावन: संतों और आचार्यों के सान्निध्य में जाने से उनकी सकारात्मक ऊर्जा, जीवन की नकारात्मक ऊर्जा को भी परिवर्तित कर देती है। उनके तप और साधना की शक्ति लोक कल्याण के लिए ही होती है।
वंशीवट स्थित सुदामा कुटी में चल रहे जगद्गुरु स्वामी रामानंदाचार्य जयंती समारोह में शुक्रवार को यह बात कािर्ष्ण जगदानंद ने कही। स्वामी चित्प्रकाशानंद ने कहा कि धर्म, संस्कृति व मर्यादाओं का ह्रास तथा समाज कल्याण ही प्रमुख रूप से संतों के ¨चतन का केंद्र ¨बदु होता है। स्वामी रामकिशोर दास रामायणी ने कहा कि भगवान चाहे किसी भी रूप में अवतरित हों, लेकिन उनका ध्येय जीव का कल्याण ही होता है। भरतदास भक्तमाली ने कहा कि भगवान सदैव भक्तों को अभय और राक्षसों का उद्धार करने के लिए अनेक रूप लेते हैं। इसके साथ ही आश्रम में दोपहर को विनायक रामलीला संस्थान के कलाकारों ने रामलीला का भावपूर्ण मंचन किया। महंत सुतीक्ष्णदास, महंत अमरदास, नरहरिदास, राघव दास, डॉ. उमेश शर्मा, भरत शर्मा, डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, रमेशचंद्र शास्त्री आदि मौजूद रहे।