आज से अल्लाह की इबादत में गुजरेगा एक माह
भीषण गर्मी बनी चुनौती एक दिन पूर्व मस्जिदों में हुई नमाजे तरावीह
मथुरा, जासं। रमजान उल मुबारक की शुरुआत मंगलवार से होने जा रही है। यानि अगला एक माह अल्लाह की इबादत में गुजरेगा। बिना खाए-पिए रोजदार कड़े इम्तिहान से गुजरेंगे। इधर, बाजार में इनका पूरा साथ निभाने को तैयार हैं। दुकानों पर फैनी और सेवइयों की खरीदारी शुरू हो चुकी है। वहीं, सोमवार रात करीब नौ बजे मस्जिदों में नमाजे तरावीह हुई।
इस्लाम धर्म में रमजान का माह सबसे पवित्र माना जाता है। इस दौरान मुस्लिम लोग रोजा रखते हुए अल्लाह की इबादत करते हैं। रोजे की सबसे अहम परंपराओं में शामिल है सहरी। यह सहर शब्द से बना है, जिसका अर्थ है सुबह। नियमानुसार सूर्योदय से पहले उठकर रोजेदार खाना-पीना कर लेते हैं। इसे ही सहरी कहते हैं, जिसके बाद सूर्यास्त तक खाने-पीने मनाही होती है। सूर्यास्त के बाद रोजा खोला जाता है, जिसे इफ्तार कहते हैं। हर बार की तरह इस बार भी रोजेदारों के लिए इस भीषण गर्मी में रोजे रखना कड़ा इम्तिहान होगा। वहीं, शहर काजी बरकतुल्लाह ने बताया कि सेहरी का समय 4.05 बजे तक का है। रोजा इफ्तार पहले दो दिन शाम को 6.59 बजे, इसके बाद सात बजे के बाद है। ये अल्लाह की इबादत के दिन हैं। इसमें रोजे रखना सौभाग्य की बात है। हर साल इस खास मौके का इंतजार रहता है। एक माह तक रोजे रखे जाएंगे।
मो. रियाजुददीन, रोजेदार भीषण गर्मी में रोजे रखना आसान नहीं होता, लेकिन अल्लाह की रहमत से सब आसान बन जाता है। अगले एक माह तक इबादत का दौर चलने वाला है।
सुफिस अखलाक, रोजेदार नियमानुसार सुबह सेहरी और शाम को रोजा इफ्तार होगा। इस बीच बिना खाए-पिए रोजे रखे जाएंगे। वहीं, खुदा से अमन चैन की दुआ मांगी जाएगी।
मो. शकील, रोजदार यूं तो अल्लाह की रहमत हमेशा बनी रहती है, लेकिन इन दिनों माहौल देखने को मिलता है। रोजदारों को इन खास दिनों का इंतजार रहता है।
फरीन अंसारी, रोजदार