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सामाजिक समरसता का संदेश देती है रामायण

महर्षि वाल्मीकि ने रामायण ग्रंथ लिखकर सनातन धर्म की जो पताका फहराई है आज तक वे रामायण के जरिए हम सबके बीच मौजूद हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 05:40 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 05:40 AM (IST)
सामाजिक समरसता का संदेश देती है रामायण
सामाजिक समरसता का संदेश देती है रामायण

संवाद सहयोगी, वृंदावन: महर्षि वाल्मीकि ने रामायण ग्रंथ लिखकर सनातन धर्म की जो पताका फहराई है, आज तक वे रामायण के जरिए हम सबके बीच मौजूद हैं। रामायण ऐसा ग्रंथ है, जो सामाजिक समरसता के साथ रामराज्य की परिकल्पना को पूरी करने वाला है। वृंदावन विद्यापीठ इंटर कालेज में रविवार को महर्षि वाल्मीकि जयंती पर विश्व हिदू परिषद द्वारा आयोजित सामाजिक समरसता संगोष्ठी में विहिप के क्षेत्र संगठन मंत्री मनोज वर्मा ने यह बात कही।

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उन्होंने कहा कि आज से करीब 21 लाख साल पहले महर्षि वाल्मीकि ने जो ग्रंथ लिखा है, वह आज भी हमारे समाज और संस्कृति को दिशा दे रहा है। विहिप के क्षेत्र विशेष संपर्क प्रमुख राघवेंद्र ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने समाज में समरसता का जो संदेश दिया। आज के हालातों में उसका अनुसरण करना बहुत जरूरी है। नगर निगम के मेयर डा. मुकेश आर्यबंधु ने कहा कि रामायण ग्रंथ हमें समाज में जीवन जीने की कला सिखाता है। पूर्व चेयरमैन मुकेश गौतम, महामंडलेश्वर नवल योगी ने भी महर्षि वाल्मीकि के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला। विहिप जिलाध्यक्ष बच्चू सिंह ने सभी का आभार जताया। संचालन जिलामंत्री देवेंद्र सिंह ने किया। रामदास महाराज, मुकुंददास महाराज, बजरंग दल के जिला सह संयोजक राजू राजपूत, विमल गौतम, यशपाल सिंह, विष्णु, आकाश, दीनदयाल गौतम, डा. यशवंत सिंह, संजय सिंह, बाबूलाल, धर्मेंद्र गौतम आदि मौजूद रहे।


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